एनआइए ने कर्नाटक जाली नोट मामले में मुख्य आरोपित को गिरफ्तार किया
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने कर्नाटक में जाली भारतीय करेंसी नोट (एफआइसीएन) फैलाने के आरोप में मुख्य आरोपित को गिरफ्तार किया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने कर्नाटक में जाली भारतीय करेंसी नोट (एफआइसीएन) फैलाने के आरोप में मुख्य आरोपित को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। प्रमुख जांच एजेंसी ने बताया कि एफआइसीएन से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने में शामिल आर. विजय को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया।
अधिकारी ने बताया कि बंगाल के माल्दा से कर्नाटक में सितंबर 2018 में जाली नोट ले जाने वाले चार गिरफ्तार आरोपितों मोहम्मद सज्जाद अली, राजू एमजी, गंगाधर और वनिता जेके पास से 6,84,000 रुपये मूल्य के जाली नोट बरामद किए गए थे।एनआइए ने बताया कि जांच के दौरान साबिरुद्दीन और अब्दुल कादिर को भी बंगाल से गिरफ्तार किया गया था।
अधिकारी ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद छह आरोपितों के खिलाफ एक आरोपपत्र और दो पूरक आरोपपत्र दायर किए गए थे। अधिकारी ने बताया कि विजय के खिलाफ तीसरा पूरक आरोपपत्र बेंगलुरु में एनआइए की विशेष अदालत में दायर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मामले की जांच अभी चल रही है।
मेरठ में नकली करेंसी में तीन गिरफ्तार
मेरठ के खरखौदा पुलिस ने दो लाख साठ हजार के नकली नोट बरामद कर तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। नकली नोट बनाने के उपकरण भी कब्जे में ले लिए। बरामद नकली नोटों में पांच सौ और दो सौ के नोट हैं। एसपी देहात अविनाश पांडेय ने बताया कि शनिवार को निर्माणाधीन हाईवे पर कैली गांव के पास धीरखेड़ा चौकी प्रभारी रामरत्न लौर और दारोगा नाजिर पुलिस के साथ चेकिंग कर रहे थे।
मुखबिर की सूचना पर कैली कट के पास बाइक सवार तीन युवकों को पकड़ा गया। तलाशी में उनके पास से दो बैग बरामद हुए। पूछताछ में आरोपितों ने अपने नाम प्रशांत उर्फ विराट पुत्र पदम दयाल निवासी गंगाटावर कविनगर गाजियाबाद मूल निवासी गांव पुदिया जनपद त्रिचूर केरल बताया। तलाशी में उसके पास से एक लाख तीन हजार की नकली नोट बरामद हुए। दूसरे आरोपित ने अपना नाम अशोक उर्फ बिट्टू पुत्र वीर सिंह निवासी गंगा टावर कविनगर गाजियाबाद मूल निवासी निवाड़ी गाजियाबाद बताया।