गणतंत्र दिवस पर देश को दहलाने की साजिश नाकाम, 11 संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार
अमरोहा, मेरठ व हापुड़ में 26 दिसंबर से लेकर अब तक कई चरणों में छापामारी कर एनआइए 11 संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
पंकज तोमर, मेरठ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आतंकी गतिविधियों के चलते गिरफ्तार किए गए संदिग्धों से पूछताछ के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने बड़ा पर्दाफाश किया है। आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) का एक मॉड्यूल हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम गणतंत्र दिवस पर देश को दहलाने की साजिश रच रहा था, जिसे समय रहते नाकाम कर दिया गया। सुरक्षा एजेंसियों ने रविवार को इनपुट दिया कि आइएस की नजर दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर है। यहां के युवाओं को अपने मॉड्यूल में भर्ती कर नापाक मंसूबों में कामयाब होना चाहता है।
अमरोहा, मेरठ व हापुड़ में 26 दिसंबर से लेकर अब तक कई चरणों में छापामारी कर एनआइए 11 संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें मेरठ के राधना गांव का नईम और जसौरा का अफसार भी शामिल है। एनआइए सूत्रों की मानें तो संदिग्धों के मोबाइल, किताबें व अन्य सामग्री से स्पष्ट हो गया कि आत्मघाती हमले की पटकथा लिखी जा चुकी थी। दिल्ली के अलावा उत्तर भारत में भीड़भाड़ वाले स्थानों, सरकारी प्रतिष्ठानों व अन्य कई स्थानों पर गणतंत्र दिवस के दिन सीरियल ब्लास्ट करने की योजना थी। एनआइए को एक संदिग्ध के मोबाइल और बैग में कुछ ऐसे तथ्य हाथ लगे हैं जो देश की आतंरिक सुरक्षा के लिए खतरनाक है।
18 जनवरी को पहुंच जाती रूपरेखा
सूत्रों की मानें तो आइएस का नया मॉड्यूल 18 जनवरी तक सभी संदिग्धों को हमले वाले स्थानों की रूपरेखा भेजने वाला था। कुछ संदिग्धों को चिह्नित स्थानों की सूची भेज भी दी गई है। जांच एजेंसियों ने साफ कर दिया है कि आइएस द्वारा आतंकियों की नई भर्ती के लिए युवाओं को भड़काऊ पुस्तकें भेजी गईं।
सुसाइड व लाइफ जैकेट
सीरियल ब्लास्ट के लिए लाइफ व सुसाइड जैकेट को भी बनाने की तैयारी की जा रही थी। एनआइए सूत्रों की मानें तो यदि ब्लास्ट करने वाला आतंकी कहीं फंस जाए तो वह सुसाइड जैकेट से खुद को मार सके। यदि कहीं बचना है तो वह लाइफ जैकेट पहनकर वहां से निकल जाए। नईम, अफसार व हापुड़ के वैट गांव निवासी शाकिब को भी इस बाबत जानकारी देने की चर्चा है।
एसपी देहात,राजेश कुमार ने कहा कि एनआइए को इनपुट मिला था कि देश को दहलाने की साजिश रची जा रही है। इसलिए जांच करते-करते एनआइए मेरठ पहुंची और दो संदिग्धों को उठा लिया। इससे ज्यादा एनआइए ने पुलिस से कोई चर्चा नहीं की।
एनआइए ने हिरासत में लिए शहजाद को छोड़ा
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) के आतंकवाद निरोधी दस्ते द्वारा शुक्रवार सुबह हापुड़ के पिपलैड़ा गांव से हिरासत में लिए गए युवक शहजाद को देर रात छोड़ दिया गया। शहजाद के परिजन दिल्ली स्थित एनआइए के कार्यालय से उसे लेकर घर आ गए। शहजाद के निर्दोष पाए जाने पर उसके परिजन और ग्रामीण प्रसन्न हैं। पूछताछ के बाद घर लौटे शहजाद ने बताया कि उसके साथ मारपीट नहीं की गई है। उससे शांतिपूर्वक पूछताछ की गई और निर्दोष पाए जाने पर छोड़ दिया गया।
शनिवार सुबह गांव पिपलैड़ा निवासी ताहिर अली के बड़े पुत्र शहजाद को एनआइए और एटीएस की टीम ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। उसे गांव की ही मस्जिद में मौलवी रहे मेरठ निवासी अफसार से पूछताछ के बाद हिरासत में लिया था। शहजाद ने बताया कि अफसार उसके साथ ही मस्जिद में रहता था। वह वहां ¨हदी पढ़ाने जाता था। दोनों की जान-पहचान हो गई। बीते माह जब वह यहां से अचानक गया तो उसकी पांच किताबें और एक एसडी कार्ड उसके पास रह गया था। किताबें उर्दू और फारसी भाषा में लिखी हुई थीं। वह दोनों ही भाषा नहीं जानता है। उसने बताया कि उससे केवल यही सामान बरामद किया गया है। वह पूरी तरह निर्दोष है।