Move to Jagran APP

एनजीटी ने सीपीसीबी से रेलवे इंजनों से उत्सर्जन के लिए दिशानिर्देशों पर मांगी रिपोर्ट

ट्रिब्यूनल ने रेलवे द्वारा संचालित लोकोमोटिव इंजनों से होने वाले प्रदूषण पर विचार करते हुए लोकोमोटिव मानकों को शामिल करते हुए दिशानिर्देश बनाने और वेबसाइट पर डालने को कहा है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 06:52 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 06:52 PM (IST)
एनजीटी ने सीपीसीबी से रेलवे इंजनों से उत्सर्जन के लिए दिशानिर्देशों पर मांगी रिपोर्ट
एनजीटी ने सीपीसीबी से रेलवे इंजनों से उत्सर्जन के लिए दिशानिर्देशों पर मांगी रिपोर्ट

नई दिल्ली, प्रेट्र। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बुधवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) से जानना चाहा कि रेलवे इंजनों से उत्सर्जन के मानकों के दिशानिर्देश संबंधित उसके आदेश का कितना अनुपालन हुआ है।  प्रदूषण को लेकर एनजीटी लगातार सख्त बना हुआ है। इसी दिशा में ये कदम भी उठाया गया है। जिन-जिन सेक्टरों को प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए कहा गया था, एनजीटी अब ये जानना चाह रहा है कि उनमें से कितने का पालन हुआ है। 

loksabha election banner

एनजीटी के प्रमुख जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीपीसीबी से एक महीने के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है। ट्रिब्यूनल ने रेलवे द्वारा संचालित लोकोमोटिव इंजनों से होने वाले प्रदूषण पर विचार करते हुए लोकोमोटिव मानकों को शामिल करते हुए दिशानिर्देश बनाने और उसे सीपीसीबी की वेबसाइट पर डालने का निर्देश दिया है। पीठ ने पर्यावरण व वन मंत्रालय, सीपीसीबी समेत सभी हितधारकों को दिशानिर्देशों का अध्ययन करने के बाद लोकोमोटिव इंजनों के लिए अंतिम मानकों की मंजूरी के लिए प्रयास तेज करने और उसे अधिसूचित करने के लिए भी कहा है।

पीठ ने उपरोक्त दिशानिर्देशों पर सीपीसीबी से ई-मेल के जरिए एक महीने के भीतर अनुपालन रिपोर्ट भी देने को कहा है। दिल्ली के द्वारका इलाके में रहने वाले एक व्यक्ति की याचिका पर पीठ ने यह निर्देश दिया। याचिका में कहा गया है कि रेलवे के डीजल इंजनों से हानिकारक उत्सर्जन हो रहा है।

ट्रिब्यूनल ने साल 2017 में लोकोमोटिव मानकों को शामिल करते हुए दिशानिर्देश बनाने और उसे सीपीसीबी की वेबसाइट पर डालने और सभी हितधारकों को लोकोमोटिव इंजनों के लिए आखिरी मापदंडों को मंजूरी देने के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया था।

'भारतीय रेलवे के डीजल इंजनों के निकास उत्सर्जन मानक' शीर्षक से सीपीसीबी ने अंतरिम रिपोर्ट पेश की है, जिसका उद्देश्य इस सेक्टर के लिए मानकों और प्रोटोकाल को ठीक करना है। ताकि, पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते के तहत भारत द्वारा प्रस्तुत लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके। वैश्विक स्तर पर परिवहन के साधनों से होने वाले प्रदूषण में रेलवे सेक्टर का हिस्सा 3.5 फीसद है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.