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एनजीटी ने वायु प्रदूषण पर 10 अक्टूबर तक मांगी कई राज्यों से कार्ययोजनाएं, राष्ट्रीय स्तर की रणनीति

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की दक्षिणी पूर्वी और केंद्रीय पीठों ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और संबंधित क्षेत्रों के राज्यों से वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 10 अक्टूबर तक राज्य कार्य योजनाओं (एसएपी) की स्थिति प्रस्तुत करने को कहा है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 07:43 AM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 07:43 AM (IST)
एनजीटी ने वायु प्रदूषण पर 10 अक्टूबर तक मांगी कई राज्यों से कार्ययोजनाएं, राष्ट्रीय स्तर की रणनीति
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की कार्ययोजनाएं।(फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, आइएएनएस। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की दक्षिणी, पूर्वी और मध्य शाखाओं ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए केंद्रीय एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डो से 10 अक्टूबर तक संबंधित क्षेत्रों की राज्य कार्ययोजनाओं की स्थिति तलब की है। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम सिर्फ नान-अटेनमेंट शहरों के लिए नहीं है, इस दलील को स्वीकार करते हुए एनजीटी की दक्षिणी शाखा ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कर्नाटक, तमिलनाडु व तेलंगाना को 10 अक्टूबर तक अपनी विस्तृत राज्य कार्ययोजना दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम एक राष्ट्रीय स्तर की रणनीति है जिसे केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 2019 में शुरू किया था। बता दें कि ऐसे शहरों को नान-अटेनमेंट घोषित किया जाता है जो लगातार पांच साल से अधिक अवधि तक पीएम-10 या नाइट्रोजन डाई आक्साइड के लिए नेशनल एम्बिएंट एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड को पूरा नहीं कर पाते। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम ने देशभर में 132 नान-अटेनमेंट शहरों की पहचान की है।


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