अमोनिया गैस रिसाव मामले में कुर्नूल प्रशासन उपचारात्मक कदम उठाए : एनजीटी
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके गोयल के नेतृत्व वाली पीठ ने इस मामले में कंपनी के आसपास के क्षेत्र में अमोनिया के स्तर की निगरानी करने वाली विशेषज्ञ समिति की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है। एसपीवाई एग्रो इंडस्ट्रीज में पिछले साल 26 जून को गैस रिसाव की घटना हुई थी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आंध्र प्रदेश के नांदयाल में अमोनिया गैस रिसाव से पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई के लिए कुर्नूल प्रशासन को उपचारात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया है।एसपीवाई एग्रो इंडस्ट्रीज में 26 जून, 2020 को अमोनिया रिसाव की घटना हुई थी। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके गोयल के नेतृत्व वाली पीठ ने इस मामले में कंपनी के आसपास के क्षेत्र में अमोनिया के स्तर की निगरानी करने वाली विशेषज्ञ समिति की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है।
समिति ने अधिकरण को बताया कि दुर्घटना का मुख्य कारण सुरक्षा मानकों के अनुपालन में कोताही थी और उसके लिए इकाई के कर्मचारी और प्रबंधन दोनों जिम्मेदार हैं। पीठ ने कहा कि हमने रिपोर्ट को तर्कसंगत और सही पाया है। प्रतिष्ठान की आपत्तियों का कोई आधार नहीं है। इसलिए इन सिफारिशों के संदर्भ में प्रतिष्ठान को उपचारात्मक कदम उठाने का निर्देश देते हैं। इसकी निगरानी वैधानिक नियामकों द्वारा की जाएगी।
एनजीटी ने कहा कि वैधानिक नियामकों को सतर्कता बनाए रखनी चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए संबंधित प्रतिष्ठानों की सुरक्षा ऑडिट करनी चाहिए। मालूम हो कि गैस रिसाव की घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और तीन श्रमिक बीमार हो गए थे। एनजीटी ने निर्देश दिया था कि मृतक के स्वजन के लिए अंतरिम मुआवजे के रूप में 15 लाख रुपये और तीन अन्य श्रमिकों के लिए पांच-पांच लाख रुपये कुर्नूल जिला मजिस्ट्रेट के पास जमा कराने का निर्देश दिया था।