पटाखों पर प्रतिबंध लगाए सरकार; केंद्र और दिल्ली समेत कई राज्यों को एनजीटी ने दिया नोटिस
ट्रिब्यूनल ने वरिष्ठ अधिवक्ता राज पंजवानी और शिवानी घोष को इस मामले में सहयोग के लिए न्याय मित्र के तौर पर नियुक्त किया है। दिल्ली एनसीआर में वायु की गुणवत्ता खराब हो चुकी है। बढ़ता प्रदूषण कोरोना महामारी के संकट को और बढ़ा सकता है।
नई दिल्ली, एजेंसी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय तथा चार राज्य सरकारों को पटाखों पर प्रतिबंध लगाने को कहा है। ट्रिब्यूनल ने कहा है कि लोगों की सेहत और पर्यावरण के हितों को देखते हुए सात से 30 नवंबर तक यह प्रतिबंध लागू किया जाना चाहिए। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली प्रदूषषण नियंत्रण कमेटी, दिल्ली पुलिस आयुक्त और दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान की सरकारों से इस संबंध में जवाब मांगा है।
ट्रिब्यूनल ने वरिष्ठ अधिवक्ता राज पंजवानी और शिवानी घोष को इस मामले में सहयोग के लिए न्याय मित्र के तौर पर नियुक्त किया है। दिल्ली एनसीआर में वायु की गुणवत्ता खराब हो चुकी है। बढ़ता प्रदूषण कोरोना महामारी के संकट को और बढ़ा सकता है। इससे बचने के लिए इंडियन सोशल रेस्पांसिबिलिटी नेटवर्क ने एनजीटी के समक्ष याचिका देकर एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध के लिए कदम उठाने की अपील की है।
इस याचिका में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के बयानों का भी हवाला दिया गया है, जिनमें कहा गया था कि वायु प्रदूषषण के कारण त्योहारों के मौसम में दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं।
कोरोना संक्रमित लोगों पर प्रदूषण का दुष्प्रभाव ज्यादा
याचिका में कहा गया कि कोरोना से संक्रमित लोगों पर प्रदूषण का दुष्प्रभाव ज्यादा याचिका में कहा गया है, 'प्रदूषण बढ़ने से ऐसे लोगों पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है, जिन पर पहले से ही कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है। साथ ही इससे मृत्यु दर भी बढ़ सकती है। अभी दिल्ली में रोजाना कोरोना संक्रमण के करीब 5,000 नए मामले आ रहे हैं और यह संख्या बढ़कर 15,000 पर पहुंच सकती है। ग्रीन (ईको फ्रेंडली) पटाखे फोड़ना समस्या का समाधान नहीं है। हवा में धुआं भर जाएगा और गैस चैंबर जैसी स्थिति बन सकती है।'