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एनजीटी ने कहा, पराली जलाने से रोकने में किसानों की मदद करें राज्य

दिल्ली की जहरीली होती हवा से चिंतित एनजीटी ने चार राज्यों को पराली जलाने से रोकने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 09:19 PM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 09:19 PM (IST)
एनजीटी ने कहा, पराली जलाने से रोकने में किसानों की मदद करें राज्य
एनजीटी ने कहा, पराली जलाने से रोकने में किसानों की मदद करें राज्य

 नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की जहरीली होती हवा से चिंतित नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने चार राज्यों को पराली जलाने से रोकने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया है। एनजीटी ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों से कहा है कि वे पराली जलाने से रोकने में किसानों की मदद करें और उन्हें आवश्यक मशीन उपलब्ध कराएं।

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 एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकारों को ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देशों को सख्ती लागू करने और गरीब किसानों को मशीन मुहैया कराने का निर्देश दिया है।

ट्रिब्यूनल ने कहा कि वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण पराली जलाना है और उद्योगों को अपने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी (सीएसआर) के तहत किसानों की मदद करनी चाहिए। एक अखबार में छपी खबर का संज्ञान लेते हुए पीठ मामले की सुनवाई कर रही थी।

खबर में कहा गया था कि पराली जलाने पर सभी लोग चिंता जता रहे हैं, लेकिन किसानों का कहना है कि इसका समाधान उनके बूते के बाहर है। रिपोर्ट के अनुसार, पराली जलाने से हवा में कॉर्बन डाइऑक्साइड की मात्रा 70 फीसद तक बढ़ जाती है। रिपोर्ट में यह भी जिक्र किया गया था कि अक्टूबर में किसान धान की खेती के बाद पराली को जलाते हैं, जिससे दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में हवा बहुत ज्यादा प्रदूषित हो जाती है।

आपको बता दें कि इससे पहले ट्रिब्यूनल ने कृषि मंत्रालय के सचिव को छह हफ्ते में स्थिति रिपोर्ट दाखिल कर यह बताने को कहा था कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए क्या बुनियादी मदद मुहैया कराई जा रही है।


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