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Vizag Gas Leak: एनजीटी ने कहा, गैस लीक के लिए पूरी तरह जवाबदेह है एलजी पॉलिमर्स इंडिया

एनजीटी ने निर्देश दिया कि सीपीसीबी के एक-एक प्रतिनिधि और आंध्र प्रदेश सरकार के तीन प्रतिनिधियों की एक समिति पर्यावरण क्षतिपूíत की योजना तैयार करेगी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 06:24 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 06:34 PM (IST)
Vizag Gas Leak: एनजीटी ने कहा, गैस लीक के लिए पूरी तरह जवाबदेह है एलजी पॉलिमर्स इंडिया
Vizag Gas Leak: एनजीटी ने कहा, गैस लीक के लिए पूरी तरह जवाबदेह है एलजी पॉलिमर्स इंडिया

नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कहा है कि विशाखापत्तनम स्थित दक्षिण कोरियाई कंपनी एलजी पॉलिमर्स इंडिया के संयंत्र में गैस रिसाव के कारण लोगों की मौत और स्वास्थ्य संबंधी खतरा पैदा होने के लिए कंपनी पूरी तरह से जवाबदेह है। उसने कहा है कि 50 करोड़ रुपये के अंतरिम जुर्माने की रकम का इस्तेमाल पीडि़तों के मुआवजे और पर्यावरण को हुए नुकसान को कम करने के लिए किया जाएगा। अधिकरण ने यह भी कहा कि उसे किसी भी मामले पर स्वत: संज्ञान लेने का अधिकार है। वह हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठ सकता।

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एनजीटी ने निर्देश दिया कि पर्यावरण मंत्रालय और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के एक-एक प्रतिनिधि और आंध्र प्रदेश सरकार के तीन प्रतिनिधियों की एक समिति पर्यावरण क्षतिपूíत की योजना तैयार करेगी। एनजीटी ने कंपनी की वह याचिका भी खारिज कर दी, जिसमें उसने 50 करोड़ रुपये अंतरिम जुर्माने संबंधी आठ मई के अधिकरण के आदेश की समीक्षा का अनुरोध किया था। एनजीटी ने कहा कि इस मामले का स्वत: संज्ञान लेना न्यायोचित है।

न्यायमूर्ति शिव कुमार सिंह भी इस पीठ में थे शामिल

एनजीटी अध्यक्ष न्यायूमíत आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि मुआवजे संबंधी अंतिम गणना पर्यावरण मंत्रालय, सीपीसीबी और राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान के प्रतिनिधियों की समिति करेगी। न्यायमूर्ति शिव कुमार सिंह भी इस पीठ में शामिल थे। पीठ ने आदेश दिया कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सचिव दो सप्ताह में इस प्रकार की समिति का गठन सुनिश्चित करेंगे और इसके बाद समिति दो महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। उसने आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव को भी निर्देश दिया कि वह वैधानिक मंजूरी के बिना कंपनी को काम करने की अनुमति देकर कानून का उल्लंघन करने वाले लोगों की दो महीने के भीतर पहचान कर उचित कार्रवाई करें और इस संबंध में रिपोर्ट पेश करें।

एनजीटी ने मंत्रालय से एक विशेषज्ञ समिति भी गठित करने को कहा, जो निगरानी के तरीकों में सुधार संबंधी सलाह देगी ताकि पर्यावरण के बचाव से जुड़े नियमों के उल्लंघन की रोकथाम में मदद मिल सके और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को दोबारा होने से रोका जा सके।

50 करोड़ रुपये का लगाया गया था जुर्माना

एनजीटी ने गैस रिसाव की घटना के सिलसिले में एलजी पॉलिमर्स इंडिया पर 50 करोड़ रुपये का अंतरिम जुर्माना लगाया था और केंद्र एवं अन्य से जवाब मांगा था। अधिकरण ने कहा था, 'नियमों और अन्य वैधानिक प्रावधानों का पालन करने में विफलता दिखाई देती है।' पीठ ने गैस लीक मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय एक समिति गठित की थी। गैस रिसाव के संबंध में मीडिया रिपोर्टो के आधार पर अधिकरण ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था। एलजी पॉलिमर्स लिमिटेड की फैक्टरी से सात मई को इस गैस रिसाव से 11 लोगों की मौत हो गई थी और विशाखापत्तनम के निकट पांच किलोमीटर की परिधि में स्थित गांवों के कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत और अन्य समस्याएं हुई थीं।


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