जंगलात की आग पर एनजीटी ने पहाड़ी राज्यों से मांगा जवाब
सुनवाई के दौरान उत्तराखंड सरकार ने कहा फारेस्ट फायर मैनेजमेंट प्लान को तैयार कर लिया गया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र: एनजीटी ने जंगलों में लगने वाली आग पर पहाड़ी राज्यों से जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई अब 30 जुलाई को होगी। ट्रिब्यूनल के प्रमुख जस्टिस जावेद रहीम ने अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, नगालैंड, सिक्किम, प. बंगाल व जम्मू-कश्मीर के साथ केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से पूछा है कि दो सप्ताह में हलफनामा दाखिल करके बताएं कि आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए।
बेंच ने कहा कि नेशनल एक्शन प्लान पर सभी अपनी भूमिका को स्पष्ट करें। सुनवाई के दौरान उत्तराखंड सरकार ने कहा फारेस्ट फायर मैनेजमेंट प्लान को तैयार कर लिया गया है। जो रिपोर्ट एनजीटी के समक्ष दाखिल की गई है, उसमें सारा ब्योरा है।
ट्रिब्यूनल एनजीओ फ्रैंड्स की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। इसमें आरोप लगाया गया है कि कुछ लालची ग्रामीणों व अधिकारियों ने लकड़ी कारोबारियों के साथ मिलकर साजिश रची है, जो जंगलों में लग रही आग के लिए जिम्मेदार हैं। एनजीओ ने आगजनी की घटनाओं की न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
याचिका में कहा गया है कि मौजूदा सीजन में आग की 13 सौ घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 26 सौ हेक्टेयर फारेस्ट एरिया तबाह हो चुका है। उत्तराखंड सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है, जिससे पूरा पहाड़ी इलाका प्रभावित हुआ है।