आरओ को लेकर पर्यावरण मंत्रालय के रवैये पर NGT ने लगाई फटकार नोट, दिया ये आदेश
पीठ ने कहा कि इस मामले में देरी करना जनहित में नहीं है। अधिकरण ने कहा कि उसका आदेश विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर आधारित था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। आरओ प्यूरिफायर पर पाबंदी के संबंध में अधिसूचना जारी करने में देरी पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने पर्यावरण व वन मंत्रालय को फटकार लगाई है। NGT ने उन क्षेत्रों में आरओ के इस्तेमाल पर रोक लगाने का आदेश दिया है, जहां प्रति लीटर पानी में टोटल डिजाल्व्ड सोलिड्स (TDS) की मात्रा 500 मिलीग्राम से कम हो।
NGT के अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंत्रालय द्वारा आठ महीने की मोहलत मांगने की दलील को अतार्किक बताया। पीठ ने कहा कि इस मामले में देरी करना जनहित में नहीं है। अधिकरण ने कहा कि उसका आदेश विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर आधारित था। इस समिति में मंत्रालय के प्रतिनिधि भी शामिल थे।
खराब पानी के मसले को भी किया जा सकता है शामिल
पीठ ने कहा कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के मुताबिक पहले से जारी निर्देश को देखते हुए मंत्रालय अब अधिसूचना जारी कर सकता है और इसमें न सिर्फ घरेलू और वाणिज्यिक उपयोग में बल्कि औद्योगिक प्रक्रिया में भी आरओ से निकलने वाले खराब पानी के मसले को भी शामिल किया जा सकता है।
NGT ने केंद्रीय भूजल प्राधिकरण से भी एक हफ्ते के भीतर भूजल की उपलब्धता पर डाटा देने को कहा है। साथ ही यह भी कहा कि ऐसा नहीं करने पर प्राधिकरण के सदस्य सचिव को एक लाख रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा। अधिकरण ने प्राधिकरण के सदस्य सचिव और मंत्रालय के संबंधित संयुक्त सचिव को अनुपालन रिपोर्ट के साथ चार नवंबर को अगली सुनवाई के दिन व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने का निर्देश दिया है।