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अमरनाथ गुफा में शिवलिंग के सामने नहीं लेगेंगे जयकारे, श्राइन बोर्ड की याचिका खारिज

एनजीटी ने पिछले साल 13 दिसंबर को अमरनाथ गुफा के भीतर जयकारों आदि के जरिए होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाई थी।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 25 Jan 2018 08:40 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jan 2018 08:40 PM (IST)
अमरनाथ गुफा में शिवलिंग के सामने नहीं लेगेंगे जयकारे, श्राइन बोर्ड की याचिका खारिज
अमरनाथ गुफा में शिवलिंग के सामने नहीं लेगेंगे जयकारे, श्राइन बोर्ड की याचिका खारिज

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। एनजीटी ने अमरनाथ गुफा में पवित्र हिम शिवलिंग के समक्ष शांति बनाए रखने के अपने पिछले साल के आदेश में संशोधन से इनकार कर दिया है। एनजीटी प्रमुख जस्टिस यूडी साल्वी की अध्यक्षता वाली पीठ ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड की याचिका को खारिज करते हुए कहा, 'हमारे पिछले साल के आदेश में कोई प्रत्यक्ष त्रुटि नहीं है। उक्त आदेश पर्यावरण के साथ-साथ अमरनाथ तीर्थ के हित में जारी किया गया था, जो अनेक श्रद्धालुओं की श्रद्धा का केंद्र है।'

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ट्रिब्यूनल ने सभी पक्षों को सुना था और सभी को अपनी बात के समर्थन में प्रमाण प्रस्तुत करने का पर्याप्त अवसर दिया गया था। स्थिति रिपोर्ट समेत ट्रिब्यूनल के सामने जो कुछ भी पेश किया गया, उसी के आधार पर उसने अपना आदेश दिया था।

अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने एनजीटी के समक्ष याचिका दाखिल कर अपने पिछले साल के आदेश पर पुनर्विचार की यह कहते हुए अपील की थी कि उक्त आदेश कानूनसम्मत नहीं है, क्योंकि किसी मामले में पक्षों की मांग से बाहर फैसला नहीं सुनाया जा सकता। एनजीटी एक्ट के तहत ट्रिब्यूनल को याचिकाकर्ता श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के आंतरिक और तीर्थयात्रा के सुचारु संचालन से संबंधित मामलों के नियमन का कोई अधिकार नहीं है।

श्राइन बोर्ड का तर्क था कि एनजीटी के आदेश का पर्यावरण से कोई संबंध नहीं है। ऐसे निर्देश यद्यपि अमरनाथ महा शिवलिंग के निकट ध्वनि, ताप, कंपन आदि को नियंत्रित करने के मकसद से दिए गए प्रतीत होते हैं। परंतु ये किसी वैज्ञानिक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट, अध्ययन अथवा सिफारिशों पर आधारित नहीं हैं।

एनजीटी ने पिछले साल 13 दिसंबर को अमरनाथ गुफा के भीतर जयकारों आदि के जरिए होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाई थी। लेकिन हिंदू संगठनों के विरोध के बाद 14 दिसंबर को स्पष्ट किया था कि उसने पूरी अमरनाथ गुफा के भीतर कीर्तन-भजन, मंत्रोच्चार अथवा जयकारों पर प्रतिबंध नहीं लगाया है, बल्कि केवल प्राकृतिक महा शिवलिंग के समक्ष शांति बनाए रखने की बात कही गई थी।


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