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वजीरपुर की पिकलिंग इकाइयों पर दिल्ली सरकार से जवाब तलब

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 11 अगस्त, 2017 को शपथपत्र के जरिए इस संबंध में कदम उठाने का जिम्मा दिल्ली सरकार के प्रदूषण तथा उद्योग विभाग पर डाला था।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Mon, 25 Dec 2017 09:16 PM (IST)Updated: Mon, 25 Dec 2017 09:16 PM (IST)
वजीरपुर की पिकलिंग इकाइयों पर दिल्ली सरकार से जवाब तलब
वजीरपुर की पिकलिंग इकाइयों पर दिल्ली सरकार से जवाब तलब

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एनजीटी ने दिल्ली के वजीरपुर इलाके में धातुओं की सफाई करने वाली पिकलिंग इकाइयों से फैलने वाले प्रदूषण पर चिंता प्रकट करते हुए दिल्ली सरकार से ये तय करने को कहा है कि ये इकाइयां प्रदूषण नियमों के तहत प्रतिबंधित श्रेणी के उद्योगों में आती हैं अथवा नहीं।

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आल इंडिया लोकाधिकार संगठन की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस यूडी साल्वी की अध्यक्षता वाली एनजीटी की पीठ ने पिछले दिनो कहा कि याचिकाकर्ता के अनुसार वजीरपुर में कार्यरत पिकलिंग इकाइयों का उत्प्रवाह नालों के जरिए यमुना को प्रदूषित कर रहा है। इन इकाइयों के बारे में दिल्ली हाईकोर्ट 2014 में निर्देश दे चुका है।

इसके बाद दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 11 अगस्त, 2017 को शपथपत्र के जरिए इस संबंध में कदम उठाने का जिम्मा दिल्ली सरकार के प्रदूषण तथा उद्योग विभाग पर डाला था। परंतु दिल्ली सरकार निर्णय लेने के बजाय वक्त जाया कर रही है। इसलिए 'हम दिल्ली के पर्यावरण तथा उद्योग विभाग के सचिवों को इस बारे में एक सप्ताह के भीतर अंतिम निर्णय लेने का निर्देश देते हैं कि पिकलिंग इकाइयों की गतिविधि सीपीसीबी के प्रदूषण नियमों एवं मानकों के अनुसार प्रतिबंधित उद्योगों में आती है या नहीं।'

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