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कुल्लू मनाली के 1700 होटलों की जांच का एनजीटी ने दिया आदेश

जांच के लिए बनी समिति देखेगी पानी, बिजली, कचरा, सीवेज के इंतजाम.. अवैध होटल, लॉज, पेइंग गेस्टहाउस को बंद करने के साथ पंजीयन होगा रद..

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Thu, 07 Dec 2017 07:17 PM (IST)Updated: Thu, 07 Dec 2017 07:17 PM (IST)
कुल्लू मनाली के 1700 होटलों की जांच का एनजीटी ने दिया आदेश
कुल्लू मनाली के 1700 होटलों की जांच का एनजीटी ने दिया आदेश

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एनजीटी ने कुल्लू मनाली के 1700 से ज्यादा होटलों, लॉज तथा पेइंग गेस्टहाउसों की जांच करने के लिए एक समिति का गठन किया है। इसमें हिमाचल राज्य पर्यटन विभाग तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के अलावा शिमला के इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन स्टडीज के वैज्ञानिक, कुल्लू और मनाली के एसडीएम और आबकारी विभाग के प्रतिनिधि शामिल हैं।

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एनजीटी प्रमुख जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उक्त समिति अगले सप्ताह सोमवार से सभी होटलों, लाज तथ पर्यटकों को भुगतान के एवज में ठहरने की जगह उपलब्ध कराने वाले घरों का निरीक्षण करेगी। लेकिन सबसे पहले ऐसे होटलों की जांच की जाएगी जिनमें 25 से ज्यादा कमरे हैं। भले वे किसी भी श्रेणी के हों। ट्रिब्यूनल ने समिति को संयुक्त रूप से निरीक्षण करने तथा इन होटलों में पानी के स्रोत, ठोस कचरे के प्रबंधन, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, बिजली के स्रोत तथा निकलने वाले कुल उत्प्रवाह की स्थिति का पता लगाने को कहा। यदि पहली श्रेणी का कोई भी होटल, लॉज अथवा पेइंग गेस्ट हाउस राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति के बगैर अथवा वन क्षेत्र में चलता पाया जाए तो उसे तत्काल बंद करने के साथ सभी विभागों में उसका पंजीयन रद करा दिया जाए।

समिति पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी कदमों के सुझावों के साथ हिमाचल सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी तथा उससे यह ऐसे कदम सुनिश्चित करने को कहेगी ताकि क्षेत्र में भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं न आएं।

एनजीटी का ये आदेश मनाली निवासी रमेश चंद की याचिका पर आया है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि कुल्लू मनाली में अनेक होटलों का अवैध रूप से निर्माण किया गया है और उन्हें आवश्यक अनुमतियों के बगैर चलाया जा रहा है।

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