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अमरनाथ पर NGT की सफाई- आरती-अनुष्ठान पर प्रतिबंध नहीं, लेकिन...!

एनजीटी प्रमुख जस्टिस स्वतंत्र कुमार की पीठ ने बुधवार के अपने आदेश के बारे में फैले भ्रम के बाद बृहस्पतिवार को ये स्पष्टीकरण दिया।

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Thu, 14 Dec 2017 12:14 PM (IST)Updated: Thu, 14 Dec 2017 06:21 PM (IST)
अमरनाथ पर NGT की सफाई- आरती-अनुष्ठान पर प्रतिबंध नहीं, लेकिन...!
अमरनाथ पर NGT की सफाई- आरती-अनुष्ठान पर प्रतिबंध नहीं, लेकिन...!

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अमरनाथ गुफा को साइलेंस जोन घोषित करने के आदेश पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए एनजीटी ने कहा कि उसने गुफा के भीतर कीर्तन-भजन, मंत्रोच्चार तथा धार्मिक विधि-विधानों पर कोई रोक नहीं लगाई है। उसने केवल पवित्र शिवलिंग के सामने श्रद्धालुओं को शांत रखे जाने को कहा है।

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बुधवार के उसके फैसले के विरोध को देखते हुए ट्रिब्यूनल ने कहा कि पूरे गुफा क्षेत्र को साइलेंस जोन बनाने के बारे में न तो उसकी कोई मंशा थी और न ही उसने ऐसा आदेश दिया था। केवल इतना प्रतिबंध लगाया गया था कि कोई भी श्रद्धालु अथवा व्यक्ति जब महा हिम शिवलिंग के समक्ष जाकर खड़ा हो तो वहां पर शांत रहे। एनजीटी प्रमुख जस्टिस स्वतंत्र कुमार की पीठ ने बुधवार के अपने आदेश के बारे में फैले भ्रम के बाद बृहस्पतिवार को ये स्पष्टीकरण दिया।

पीठ ने कहा कि शांति क्षेत्र का प्रतिबंध गुफा के किसी अन्य भाग पर लागू नहीं होता। इसमें गुफा तक जाने वाली सीढ़ियां शामिल हैं। ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट किया कि गुफा तक जाने वाली सीढ़ी की लगभग 30 पायदानों में आखिरी पायदान पर यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उसके आगे कोई भी श्रद्धालु किसी तरह का व्यक्तिगत सामान न ले लाने पाए। यह व्यवस्था पहले से लागू है और इसका कड़ाई से पालन होना चाहिए। सीढ़ियों से नीचे किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं होगा। सभी संबंधित अधिकारी श्रद्धालुओं की एकतरफा पंक्ति बनाई रखने की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। जहां एक तरफ ये निर्देश पवित्र गुफा के प्राचीन स्वरूप को बनाए रखने के लिहाज से आवश्यक समझे गए हैं। वहीं दूसरी तरफ यह सुनिश्चित करने के लिए कि शोर, कंपन, ताप आदि की वजह से गुफा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

इससे अमरनाथ यात्रा के अंतिम दौर में आने वाले श्रद्धालुओं को भी पवित्र हिम शिवलिंग के दर्शन हो सकें और व पिघलने न पाए। एनजीटी ने रजिस्ट्री को केंद्रीय पर्यावरण सचिव, जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव तथा अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सीईओ को इस आदेश की प्रति भेजने का निर्देश दिया। एनजीटी के बुधवार के आदेश का विश्व हिंदू परिषद समेत हिंदू संगठनों ने विरोध किया था। आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए वीएचपी ने कहा था कि प्रत्येक पारिस्थिकी समस्या के लिए हिंदू जिम्मेदार नहीं हैं।

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