तेल कुएं में लगी आग के मामले में एनजीटी ने ऑयल इंडिया पर लगाया 25 करोड़ रुपये का जुर्माना
एनजीटी ने असम के बागजान में तेल कुएं में लगी आग पर काबू पाने में असफल रहने पर सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी ऑयल इंडिया पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने असम के तिनसुकिया जिले के बागजान में तेल कुएं में लगी आग पर काबू पाने में असफल रहने पर सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी ऑयल इंडिया पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। एनजीटी का कहना है कि कुएं में लगी आग से पर्यावरण को बहुत नुकसान हो रहा है। बता दें कि तेल के कुंओं में कुंआ संख्या पांच से पिछले 27 दिनों से लगातार गैस का रिसाव हो रहा है और नौ जून को उसमें आग लग गई। आग पर काबू पाने के प्रयास में ऑयल इंडिया के दो दमकल कर्मियों की मौत हो चुकी है।
जस्टिस एसपी वांगडी और विशेषज्ञ सदस्य सिद्धांत दास की पीठ ने हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बीपी कातकेय की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है जो इस मामले पर 30 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। पीठ ने बुधवार को अपने आदेश में कहा, 'ऑयल इंडिया लिमिटेड के खिलाफ प्रथम दृष्टया पर्यावरण, जैव विविधता, मनुष्य और वन्य जीवों तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य को पहुंची हानि के संबंध में जो मामला बनता है उसे और कंपनी की कीमत को ध्यान में रखते हुए हम ऑयल इंडिया को 25 करोड़ रुपये की अंतरिम राशि तिनसुकिया के जिला मजिस्ट्रेट के पास जमा कराने का आदेश देते हैं।'
उल्लेखनीय है कि असम के तिनसुकिया जिले में ऑयल इंडिया लिमिटेड के संचालित बाघजन क्षेत्र में एक कुएं से 27 मई 2020 को प्राकृतिक गैस का अनियंत्रित रूप से रिसाव होने लगा था। इसके कारण विस्फोट हो गया जिससे आठ जून को कुएं में आग लग गई थी। केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अग्निकांड के प्रभावितों को उचित मुआवजा दिए जाने का आश्वासन दिया था। पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस घटना की जांच के लिये तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया था। समिति इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिये दीर्घकालिक उपायों की सिफारिश भी करेगी।