झील में प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने कर्नाटक सरकार पर लगाया लाखों रुपये का जुर्माना
एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कर्तव्यों को न निभा पाने के मामले में बोम्मसांद्रा निगम परिषद पर भी पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने बेंगलुरु के उपनगरीय क्षेत्र बोम्मसांद्रा के करीब किथिगनहल्ली झील में प्रदूषण फैलाने को लेकर कर्नाटक सरकार पर 10 लाख रुपये का अंतरिम जुर्माना लगाया है। एनजीटी ने कहा कि जलाशयों में प्रदूषण फैलाने वाली चीजों को डालने पर रोक न लगाकर अधिकारी अपराध कर रहे हैं।
एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कर्तव्यों को न निभा पाने के मामले में बोम्मसांद्रा निगम परिषद पर भी पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। पीठ ने कहा, 'संवैधानिक दायित्व के निर्वहन में निगम परिषद के विफल रहने तथा एनजीटी व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के प्रति राज्य के अधिकारियों की उदासीनता की कीमत पर्यावरण व जनस्वास्थ्य को चुकानी पड़ रही है। इसके लिए दोषी अधिकारियों की जवाबदेही तय करने व त्वरित कार्रवाई की जरूरत है।'
पीठ ने कहा, 'इस मामले में कर्नाटक सरकार को 10 लाख रुपये व बोम्मसांद्रा निगम परिषद पांच लाख रुपये का अंतरिम जुर्माना लगाया जाता है। राज्य व निगम परिषद का पक्ष सुनने के बाद अंतिम क्षतिपूर्ति तय की जाएगी।' एनजीटी ने जुर्माने की राशि सीपीसीबी को जमा कराने का निर्देश दिया, जिसका इस्तेमाल पर्यावरण संरक्षण के काम में किया जा सकता है। एनजीटी संजय राव व अन्य की अर्जी पर सुनवाई कर रहा है, जिन्होंने किथिगनहल्ली झील में अपशिष्ट पदार्थ डालने से हो रहे प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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