एनजीटी ने राज्यों को सीवेज शोधन संयंत्रों की संख्या बढ़ाने के दिए निर्देश, एक महीने का दिया अल्टिमेटम
एनजीटी ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को ट्रीटमेंट प्लांटों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। एनजीटी ने कहा है कि बिना शोधन के नदियों में बहाए जा रहे मैले को एक महीने के भीतर रोका जाए...
नई दिल्ली, एएनआइ। देश में पैदा हो रहे मैले के हानिकारक तत्वों को निष्प्रभावी बनाने के लिए एनजीटी ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को ट्रीटमेंट प्लांटों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इस समय मल-मूत्र के शोधन के लिए देश में आवश्यकता से बहुत कम ट्रीटमेंट प्लांट हैं और जो हैं वे आबादी के अनुसार कम क्षमता वाले हैं। एनजीटी ने बिना शोधन के नदियों और समुद्र में बहाए जा रहे मैले को भी एक महीने के भीतर रोकने के निर्देश दिए हैं।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के प्रमुख आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पाया कि पर्याप्त संख्या में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च, 2018 तक का जो समय निर्धारित किया था, वह काफी पहले निकल चुका है। उस आदेश में शीर्ष न्यायालय ने राज्य प्रदूषण बोर्ड को निर्देश दिया था कि वह राज्य प्रशासन के साथ तालमेल बनाकर एसटीपी स्थापित करवाए। इस सिलसिले में एनजीटी ने भी कई आदेश दिए।
इनमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जरिये मुआवजे की व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया गया था। एनजीटी ने यह भी निर्देश दिया था कि चालू एसटीपी की क्षमता में विस्तार कर उन्हें आवश्यकतानुसार बनाया जाए। लेकिन वह भी क्रियान्वित नहीं हो पाया।
एनजीटी ने अपने आदेश में साफ कहा है कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेश सुनिश्चित करें कि किसी भी स्थिति में बिना शोधन के सीवेज नदी, तालाबों या समुद्र में न गिराया जाए। क्योंकि इससे पर्यावरण को घातक नुकसान होता है। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कानूनी प्रावधानों के अनुसार सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
एनजीटी ने कहा कि जहां कहीं भी सीवेज ट्रीटमेंट की कार्ययोजना अमल में नहीं लाई जा रही है और बिना शोधन के सीवेज नदियों या समुद्र में बहाया जा रहा है, वह एक महीने के भीतर हर हाल में रोका जाए। इसके लिए नदी-समुद्र जीर्णोद्धार कमेटियां गठित होंगी और कार्यो पर नजर रखेंगी। इसके लिए धन का इंतजाम सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के मुताबिक किया जाए।