Forest Fire: एनजीटी ने जंगल में आग लगने पर जताई चिंता, केंद्र सरकार से रिपोर्ट तलब
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने जंगल में आग लगने की बढ़ती घटनाओं का संज्ञान लेते हुए पर्यावरण मंत्रालय से पिछले पांच में हुए अग्निकांडों का रिकॉर्ड मांगा है।
नई दिल्ली, पीटीआई। जंगल में आग लगने की बढ़ती घटनाओं का संज्ञान लेते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पर्यावरण मंत्रालय से पिछले पांच में हुए अग्निकांडों का रिकॉर्ड मांगा है। ऐसे स्थानों के नाम भी मांगे हैं जहां आग लगने की घटनाएं ज्यादा होती हैं। ट्रिब्यूनल की पीठ ने पर्यावरण मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह जंगल में आग लगने की घटनाओं पर नजर रखने, उनकी रोकथाम के लिए राज्यों के बीच तालमेल बनाने के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करे।
एनजीटी की जस्टिस एसपी वांग्दी और जस्टिस के. रामकृष्णन की पीठ ने केंद्र और राज्य की सरकारों से अग्निकांडों को रोकने और बचाव एवं नियंत्रण के उपायों पर रिपोर्ट मांगी। पीठ ने कहा कि जंगल में आग लगने की लगातार हो रही घटनाओं पर ध्यान देने पर पता चला कि ये साल दर साल बढ़ती जा रही हैं। इससे लगता है कि इन्हें रोकने में सरकार की ओर से लापरवाही बरती जा रही है। यह रिपोर्ट दस दिन के भीतर पेश करने का आदेश दिया गया है।
ट्रिब्यूनल ने केंद्र और राज्य की सरकारों को मामले की गंभीरता से अवगत होने के लिए कहा। साथ ही वन्य महानिरीक्षक (वन्य संरक्षण) को निर्देश दिया कि वह बचाव के उपायों और भविष्य की कार्ययोजना के बारे में विस्तृत रिपोर्ट बनाकर अगली सुनवाई के समय पीठ के समक्ष पेश हों। ट्रिब्यूनल ने ये निर्देश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव दत्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। याचिका में पहाड़ी इलाकों में स्थित जंगलों में आग लगने की घटनाओं पर ट्रिब्यूनल का ध्यान आकृष्ट करते हुए चिंता जताई गई है।
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