जलवायु परिवर्तन पर एनजीटी ने केंद्र व राज्यों से मांगा जवाब
जलवायु परिवर्तन को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) काफी सख्त हो गया है। कार्बन उत्सर्जन के मामले में हुई एक सुनवाई के दौरान एनजीटी के प्रिंसिपल बेंच ने पर्यावरण व वन मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय, नवीन ऊर्जा मंत्रालय और सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से जवाब मांगा है।
नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) काफी सख्त हो गया है। कार्बन उत्सर्जन के मामले में हुई एक सुनवाई के दौरान एनजीटी के प्रिंसिपल बेंच ने पर्यावरण व वन मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय, नवीन ऊर्जा मंत्रालय और सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से जवाब मांगा है।
दुनिया में इन दिनों हर जगह जलवायु परिवर्तन को लेकर गहरी चिंता जताई जा रही है। कार्बन उत्सर्जन में वृद्धि से हुए जलवायु परिवर्तन पर सुनवाई करते हुए एनजीटी के जज स्वतंत्र कुमार ने केंद्र और सभी राज्यों को निर्देश दिया है। एनजीटी ने कहा है कि वे जल्द ही जलवायु परिवर्तन पर हुए कार्यों की रिपोर्ट पेश करें। दरअसल इस मामले में एनजीटी में एक याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि 2010 में पर्यावरण व वन मंत्रालय की ओर से एक पत्र जारी किया गया था। इस पत्र में कहा गया था कि संयुक्त राष्ट्र ने भारत को 2020 तक 20-25 फीसद कार्बन उत्सर्जन कम करने को कहा है। लेकिन 2011 की रिपोर्ट में कुछ और ही बातें सामने आईं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्बन उत्सर्जन के मामले में भारत ने रूस को पीछे छोड़ दिया है और तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। याचिका में ये भी कहा गया है कि इन रिपोर्ट के आधार पर पाया गया है कि जलवायु परिवर्तन को लेकर बने नेशनल एक्शन प्लान में केंद्र और राज्यों के बीच सहमति नहीं बन पा रही है।
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