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सुविधाओं की कमी के लिए NGT ने अमरनाथ बोर्ड को लगाई लताड़, मांगी रिपोर्ट

एनजीटी ने अमरनाथ मंदिर में पर्यावरण सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के मद्देनजर कई सवाल पूछे और एक कमेटी गठित करते हुए अमरनाथ श्राइन बोर्ड से रिपोर्ट मांगी।

By Pratibha KumariEdited By: Published: Wed, 15 Nov 2017 12:21 PM (IST)Updated: Wed, 15 Nov 2017 12:59 PM (IST)
सुविधाओं की कमी के लिए NGT ने अमरनाथ बोर्ड को लगाई लताड़, मांगी रिपोर्ट
सुविधाओं की कमी के लिए NGT ने अमरनाथ बोर्ड को लगाई लताड़, मांगी रिपोर्ट

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। एनजीटी ने अमरनाथ यात्रियों को समुचित बुनियादी सुविधाएं प्रदान न कर पाने के लिए अमरनाथ श्राइन बोर्ड को कड़ी फटकार लगाई है।

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पर्यावरण कार्यकर्ता गौरी मौलेखी की याचिका पर सुनवा‌ई करते हुए एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस स्वतंत्र कुमार की पीठ ने 2012 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन न कर पाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए श्राइन बोर्ड से पूछा कि आखिर वो इतने सालों से क्या कर रहा था।

पीठ ने कहा, 'आपने पवित्र गुफा के निकट दुकाने लगाने की अनुमति दे दी। जबकि वहां टायलेट तक की सुविधा नहीं है। क्या आपको पता है कि महिलाओं के लिए ये कितनी असहज स्थिति है। आखिर आपने समुचित बुनियादी सुविधाएं प्रदान क्यों नहीं कीं। आप तीर्थ यात्रियों के बजाय वाणिज्यिक गतिविधियों को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह अनुचित है। तीर्थस्थल की पवित्रता को बरकरार रखना होगा।'

इसी के साथ हरित अधिकरण ने तीर्थ यात्रियों को प्रदान की जाने वाली बुनियादी सुविधाओं के बाबत कार्य योजना तैयार करने के लिए पर्यावरण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है।

पीठ ने कहा कि समिति गुफा तक सुविधाजनक रास्ता बनाने, आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ रखने तथा गुफा को ध्वनि प्रदूषण रहित (साइलेंट) जोन घोषित करने जैसे पहलुओं के बाबत अपने सुझाव देगी। समिति से क्षेत्र में पर्यावरण अनुकूल टायलेट स्थापित करने की संभावना पर भी विचार करने को कहा गया है।

एनजीटी ने श्राइन बोर्ड को दिसंबर के पहले सप्ताह तक सुप्रीमकोर्ट के 2012 के आदेश के अनुपालन के बारे में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश भी दिया है।

अमरनाथ गुफा का शुमार हिंदुओं के सर्वाधिक पवित्र तीर्थ स्थलों में किया जाता है। वर्ष के ज्यादातर दिनों में गुफा बर्फ से ढकी रहती है। केवल गर्मियों में कुछ दिनों के लिए बर्फ पिघलती है और उसी दौरान गुफा के भीतर बर्फ से निर्मित पवित्र शिवलिंग प्रकट होता है। इसी अवधि में गुफा को तीर्थ यात्रियों के दर्शनार्थ खोला जाता है।

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