कश्मीर हिंसाः सरकार के माफी मांगने के बाद ही शुरू होगा समाचार पत्रों का प्रकाशन
बिगड़े हालात को देख सरकार ने गत सप्ताह कश्मीर में तीन दिन के लिए स्थानीय अखबारों के प्रकाशन पर पाबंदी लगाई थी।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। स्थानीय समाचार पत्रों के मुद्रकों व संपादकों ने मंगलवार को साफ कहा कि जब तक सरकार माफी नहीं मांगेगी वे प्रकाशन शुरू नहीं करेंगे। फिलहाल, कश्मीर में बुधवार तक अखबारों का प्रकाशन बंद रहेगा।
गौरतलब है कि बिगड़े हालात को देख सरकार ने गत सप्ताह कश्मीर में तीन दिन के लिए स्थानीय अखबारों के प्रकाशन पर पाबंदी लगाई थी। इसके अलावा विभिन्न समाचारपत्रों के कार्यालयों में छापेमारी के साथ अखबारों को जब्त किया था। वहीं सोमवार को मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार प्रो. अमिताभ मट्टू ने दावा किया था कि अखबारों पर सरकार ने कोई प्रतिबंध नहीं लगाया था बल्कि कुछ भ्रम के कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई है। उन्होंने कहा था कि खुद कई संपादकों व अखबार मालिकों से मुलाकात कर इस पर खेद जताया है।
इसके बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री वैंकेया नायडू से बातचीत में कश्मीर में अखबारों पर प्रतिबंध को नकारते हुए कहा कि आज से अखबार छपेंगे। मंगलवार को मौजूदा हालात पर स्थानीय अखबार मालिकों व संपादकों की बैठक हुई। पत्रकारों ने पूरे मामले में सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री महबूबा की निंदा करते हुए कहा कि उनके ही इशारे पर प्रतिबंध लगा और जब इसने बैकफायर किया तो वह इससे इन्कार कर रही हैं। स्थानीय अखबार मालिकों व संपादकों ने मौजूदा हालात पर बैठक की और तय किया है कि पहले सरकार प्रतिबंध को स्वीकारे, प्रतिबंध के लिए माफी मांगे और भविष्य में मीडियाकर्मियों को प्रताडि़त न करने का यकीन दिलाए। उसके बाद ही प्रकाशन शुरू करेंगे।
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