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रेलवे के नए टाइम टेबल में लेटलतीफी व स्टेशनों पर भीड़ कम करने खास जोर

टाइम टेबल की सबसे खास बात ये हैं कि इसमें ट्रेनों की लेटलतीफी दूर करने के के लिए नीति आयोग और कैग द्वारा दिए गए सुझावों पर ध्यान दिया गया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 14 Aug 2018 09:26 PM (IST)Updated: Wed, 15 Aug 2018 07:53 AM (IST)
रेलवे के नए टाइम टेबल में लेटलतीफी व स्टेशनों पर भीड़ कम करने खास जोर
रेलवे के नए टाइम टेबल में लेटलतीफी व स्टेशनों पर भीड़ कम करने खास जोर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बुधवार 15 अगस्त से लागू होने वाले रेलवे के नए टाइम टेबल में अगले एक वर्ष के दौरान चलाई जाने वाली पांच नई ट्रेनों के आगमन-प्रस्थान का ब्यौरा है। इनमें एक अंत्योदय, दो उदय तथा दो तेजस ट्रेने शामिल हैं। टाइम टेबल की सबसे खास बात ये हैं कि इसमें ट्रेनों की लेटलतीफी दूर करने के के लिए नीति आयोग और कैग द्वारा दिए गए सुझावों पर ध्यान दिया गया है। यही नहीं इसमें मेंटेनेंस के लिए पिछले वर्ष के मुकाबले ज्यादा ब्लॉक समय का प्रावधान किया गया है।

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रेल मंत्रालय की ओर से जारी वक्तव्य के अनुसार नए अखिल भारतीय टाइम टेबल 'ट्रेंस ऐट ए ग्लांस' में एक नई अंत्योदय एक्सप्रेस की समय सारणी होगी। अंत्योदय वो ट्रेन है जिसमें सभी कोच अनारक्षित साधारण दर्जे के होंगे। इसके अलावा दो तेजस ट्रेनों का समय होगा। तेजस ट्रेनों का शुमार देश की सबसे तेज सेमी हाईस्पीड वातानुकूलित ट्रेनों में किया जाता है। टाइम टेबल में दो नई उदय ट्रेने भी शामिल की गई हैं। इन वातानुकूलित डबल डेकर ट्रेनों में केवल बैठने के लिए एसी चेयरकार का इंतजाम होता है। एक अधिकारी के अनुसार इन ट्रेनों का संचालन जल्द से जल्द करने का प्रयास होगा। अब तक 23 हमसफर, 10 अंत्योदय, एक तेजस तथा एक उदय ट्रेन चलाई जा चुकी है।

बयान के अनुसार स्टेशनों पर ट्रेनों के समय में टकराव को रोकने और भीड़भाड़ से बचने के लिए 23 महत्वपूर्ण ट्रेनों के अंतिम स्टेशन अर्थात टर्मिनल में बदलाव किया गया है। इनमें 12 उत्तर रेलवे की, पांच उत्तर मध्य रेलवे, एक-एक पूर्व-मध्य और उत्तर-पश्चिम रेलवे तथा चार दक्षिण-मध्य रेलवे की ट्रेन है।

इस वर्ष जनवरी में नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में रेलवे को स्टेशनों पर भीड़ कम करने का सुझाव दिया था। उसका कहना था कि बड़े टर्मिनलों के अभाव में यात्री गाडि़यों और मालगाडि़यों दोनो को ही लंबा इंतजार करना पड़ता है। कुछ इसी तरह की बात हाल में कैग ने अपनी रिपोर्ट में कही थी और कहा था कि स्टेशनों पर पर्याप्त व लंबे प्लेटफार्मो की कमी के कारण ट्रेने देर तक आउटर पर खड़ी रहती हैं। यही वजह है कि ट्रेनों की लेटलतीफी कम करने के लिए रेलवे ने 20 ट्रेनों को निकटवर्ती टर्मिनलों में शिफ्ट किया है। समय पालन में सुधार के लिए ट्रेनों को अधिकतम अनुमन्य गति सीमा से कम गति पर चलाने की व्यवस्था भी की गई है।

संरक्षा के लिहाज से इस बार के टाइम टेबल में रखरखाव कार्यो के लिए 2017 के मुकाबले 292 घंटे अधिक ब्लॉक अवधि का प्रावधान किया गया है।


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