आग लगी तो थम जाएंगे ट्रेन के पहिए
कोचों में आग लगने पर अगर धुआं उठा तो पहले अलार्म बजेगा, जिससे यात्री जाग जाएंगे और ज्यादा धुआं व आग की स्थिति में चलती गाड़ी के खुद-ब-खुद ब्रेक लग जाएंगे। इस सिस्टम के लगने के बाद जान-माल के कम नुकसान की उम्मीद जताई जा रही है।
कपूरथला (हरनेक सिंह जैनपुरी)।
ट्रेनों को आग से बचाने के लिए भारतीय रेलवे जल्द ही दुनिया की सबसे विकसित आस्ट्रेलियन तकनीक अपनाने जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) कपूरथला लगभग तीन माह बाद काम शुरू कर देगी। इस तकनीक के बाद कोचों में आग लगने पर अगर धुआं उठा तो पहले अलार्म बजेगा, जिससे यात्री जाग जाएंगे और ज्यादा धुआं व आग की स्थिति में चलती गाड़ी के खुद-ब-खुद ब्रेक लग जाएंगे। इस सिस्टम के लगने के बाद जान-माल के कम नुकसान की उम्मीद जताई जा रही है। तकनीक को 'वेरी अर्ली स्मोक डिटेक्शन एंड अलार्म सिस्टम' का नाम दिया गया है।
वेरी अर्ली स्मोक डिटेक्शन एंड अलार्म सिस्टम यात्री कोच व शौचालयों में लगाए गए सेंसर के माध्यम से हवा में गर्मी और धुएं के नमूने एकत्र करेगा, जिसका एक अलग यूनिट में विश्लेषण होगा। हवा में धुएं तथा तापमान की वृद्धि के आधार पर गाड़ियों में ऑडियो विजुअल अलार्म बज जाएगा, जिससे यात्री सावधान हो जाएंगे। इस सिस्टम से मिले सिग्नल के आधार पर गाड़ी को रोकने का भी प्रावधान होगा।
आरसीएफ के वरिष्ठ जन संपर्क अधिकारी वरिंदर विज ने बताया कि फिलहाल आरसीएफ को 18 गाड़ियों में सिस्टम लगाने के आदेश प्राप्त हुए हैं। इनमें एक डबल डैकर गाड़ी भी शामिल है। एक गाड़ी में सिस्टम लगाने में लगभग 50 लाख का खर्च आएगा। इस सिस्टम में आटोमैटिक ब्रेक सिस्टम लगाया जा रहा है।
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