नए तंत्र से हो सकेगी मोटापे की रोकथाम, पार्किंसन को लेकर भी की गई Study
एक नए अध्ययन से पता चला है कि पाचन तंत्र को मजबूत करने वाला एक आम बैक्टीरिया पार्किंसन पर अंकुश लगा सकता है।
नई दिल्ली, एजेंसी। शोधकर्ताओं ने एक ऐसे नए शारीरिक तंत्र की पहचान की है, जिससे मोटापे की ना सिर्फ रोकथाम हो सकती है बल्कि उससे निजात भी मिल सकती है। वैश्विक समस्या बनकर उभरे मोटापे को कैंसर समेत कई बीमारियों का कारक माना जाता है। मोटापे की रोकथाम से इन खतरों से बचाव में मदद मिल सकती है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, तकरीबन सभी सेल्स में पाए जाने वाले एएचआर नामक रिसेप्टर की मेटाबोलिज्म में अहम भूमिका पाई गई है। अमेरिका के डार्टमाउथ-हिचकॉक नोरिस कॉटन कैंसर सेंटर के शोधकर्ता क्रेग टोमलिंसन ने कहा, 'प्रयोग में हमने एक अवधि के दौरान एएचआर को रोकने वाली एनएफ नामक दवा उच्च वसा वाले आहार में मिलाकर चूहे को दी। हमने इस चूहे में कोई मोटापा नहीं पाया। जबकि इसी अवधि के दौरान बगैर एनएफ वाला आहार खाने वाले चूहे में ज्यादा मोटापा पाया गया। इस दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं पाया गया है।' (आइएएनएस)
पार्किंसन पर अंकुश लगा सकता है गट बैक्टीरिया
पार्किंसन रोग के इलाज में गट (आंत) बैक्टीरिया की भूमिका पाई गई है। एक नए अध्ययन से पता चला है कि पाचन तंत्र को मजबूत करने वाला एक आम बैक्टीरिया पार्किंसन पर अंकुश लगा सकता है। यह बैक्टीरिया इस रोग से जुड़े प्रोटीन के जमा होने से निजात दिला सकता है।
सेल रिपोर्ट्स पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, पीडि़तों के मस्तिष्क में अल्फा-सिंयूक्लिन नामक प्रोटीन गड़बड़ी के कारण विषाक्त गुच्छे के रूप में जमा होने लगता है। इसके चलते डोपामाइन की उत्पत्ति करने वाली कोशिकाएं खत्म होने लगती हैं। इन कोशिकाओं में गिरावट के कारण ही हाथों में कंपन और गतिविधि में धीमापन जैसे पार्किंसन के लक्षण दिखने लगते हैं।
ब्रिटेन की एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी और डंडी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि एक प्रोबायोटिक बैक्टीरिया डोपामाइन को निवाला बनाने वाले विषाक्त गुच्छों की उत्पत्ति को रोक सकता है। डोपामाइन एक अहम केमिकल है, जो गतिविधि में समन्वय करता है। -प्रेट्र