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अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में जड़ेंगे नए सितारे, खुलेंगे कई नये रहस्य

पिछले साल भेजे गए अभियानों से भी कई नए रहस्य खुलने की उम्मीद है। ऐसे ही कुछ अभियानों और उम्मीदों पर डालते हैं एक नजर

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Tue, 01 Jan 2019 08:45 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jan 2019 08:45 PM (IST)
अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में जड़ेंगे नए सितारे, खुलेंगे कई नये रहस्य
अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में जड़ेंगे नए सितारे, खुलेंगे कई नये रहस्य

जेएनएन, नई दिल्ली। नए साल ने दस्तक दे दी है। इस साल अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भी बहुत कुछ नया होने जा रहा है। इस दिशा में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के न्यू होराइजंस यान ने पहली उपलब्धि अपने नाम कर भी ली है। यान मंगलवार को अल्टिमा थुले के पास से गुजरा। अल्टिमा थुले किसी अंतरिक्ष यान द्वारा देखा गया सर्वाधिक दूरी पर स्थित और संभवत: सबसे पुराना खगोलीय पिंड है। पहले दिन से शुरू हुई उपलब्धियों की यह यात्रा सालभर बनी रहने की उम्मीद है। विभिन्न देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों ने इस साल के लिए बहुत कुछ प्लान किया हुआ है। पिछले साल भेजे गए अभियानों से भी कई नए रहस्य खुलने की उम्मीद है। ऐसे ही कुछ अभियानों और उम्मीदों पर डालते हैं एक नजर :

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चांद पर पहुंचेंगे कई मेहमान

यह साल चांद के लिए खासा हलचल भरा रहने की उम्मीद है। साल की शुरुआत में ही चीन का चांग ई-4 यान चांद पर उतरेगा। यह यान चांद के उस हिस्से पर उतरेगा जो धरती से दिखाई नहीं देता। इस हिस्से पर उतरने वाला यह पहला यान होगा। दिसंबर में लांच किया गया यह यान चांद की नजदीकी कक्षा में पहुंच चुका है और यान की स्थिति व अन्य परिस्थितियों को देखते हुए वैज्ञानिक इसकी लैंडिंग का समय तय करेंगे। इजरायल की कंपनी स्पेसआइएल भी फरवरी में चांद पर अपना यान उतारने की तैयारी में है।

स्पेसआइएल उन चार कंपनियों में से है जिन्हें गूगल लुनार एक्स प्राइज के फाइनल के लिए चुना गया था। अगर यह अभियान सफल रहा तो अमेरिका, सोवियत संघ और चीन के बाद चांद पर लैंडिंग करने वाला इजरायल चौथा देश होगा। हालांकि इस मामले में इजरायल को भारत से चुनौती मिल रही है। अनुमान है भारत अपना चंद्रयान-2 जनवरी के आखिर में ही लांच कर देगा। इस यान को भी चांद पर लैंड करना है। ऐसे में यह सफलता पाने वाला चौथा देश बनने का तमगा भारत को मिलने की संभावना ज्यादा है। साल के आखिर में चीन चांग ई-5 के नाम से एक और चंद्रयान रवाना करने की तैयारी में है। यह यान भी चांद की सतह पर उतरेगा।

नासा को फिर मिल सकता है अपना यात्री यान

2011 में स्पेस शटल के बंद होने के बाद से अमेरिका और अन्य देश अपने अंतरिक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आइएसएस) तक लाने व ले जाने के लिए रूस के सोयूज यान पर निर्भर हैं। माना जा रहा है कि स्पेसएक्स और बोइंग दोनों कंपनियों ने नासा के लिए इस तरह के यान बनाए हैं, जो अंतरिक्ष यात्रियों को आइएसएस तक लाने व ले जाने में सहायक होंगे। स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन का पहला मानवरहित परीक्षण 17 जनवरी को होना है। परीक्षण सफल रहा तो संभवत: जून में पहली बार इस यान से अंतरिक्ष यात्री भेजे जाएंगे। वहीं बोइंग के स्टारलाइनर का मानवरहित परीक्षण मार्च में और अंतरिक्ष यात्रियों समेत रवानगी अगस्त में प्रस्तावित है।

पिछले साल के अभियानों से भी मिलेंगे नतीजे

पिछले साल नासा ने सूर्य के राज खंगालने के लिए पारकर, मंगल की छानबीन के लिए इनसाइट और आकाशगंगा में अन्य ग्रहों की पड़ताल के लिए टीईएसएस को लांच किया था। यूरोप और जापान की अंतरिक्ष एजेंसियों ने संयुक्त रूप से बुध के रहस्य जानने लिए बेपी कोलंबो मिशन लांच किया था। इस साल इन सभी अंतरिक्ष यानों से महत्वपूर्ण आंकड़े मिलने की उम्मीद है। नासा के अपॉच्र्यूनिटी यान का भविष्य भी इस साल तय हो सकता है। पिछले साल मंगल पर चली आंधियों के बाद यान धूल से ढंक गया था और इसके सोलर पैनल तक सूर्य की रोशनी पहुंचना बंद हो गई थी। तब से यान ने काम करना बंद कर दिया है। इस अभियान से जुड़े वैज्ञानिक लगातार इससे संपर्क स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। अपॉच्र्यूनिटी को 2003 में लांच किया गया था और इसने 2004 में मंगल की सतह पर कदम रखा था।


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