अब हवाई सफर करते हुए रहे सावधान, नियम बदल गए हैं, जानिए इनके बारे में
शिवसेना सांसद द्वारा एयरइंडिया कर्मचारी पर हमला विवाद के बाद नो फ्लाई लिस्ट पर नये नियम का मसौदा तैयार किया गया है।
नई दिल्ली (एएनआई)। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने शुक्रवार को नो फ्लाई लिस्ट से जुड़े रूल्स बताए। सिविल एविएशन सेक्रेटरी आर एन चौबे ने बताया कि नो फ्लाई लिस्ट को तीन कैटेगरी में बांटा गया है। तीसरी कैटेगरी में बुरा व्यवहार करने वाले पैसेंजर को 2 साल या इससे अधिक वक्त तक बैन किया जा सकता है। माना जा रहा है कि शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड़ की एअर इंडिया के मैनेजर से मारपीट का मामला ही इन नियमों को लागू करने के पीछे बड़ी वजह है।
नो फ्लाई लिस्ट में बुरे बर्ताव की 3 कैटेगरी
सिविल एविएशन सेक्रेटरी ने बताया कि नो फ्लाई लिस्ट में बुरे बर्ताव को 3 कैटेगरी में बांटा गया है। हर कैटेगरी के हिसाब से बैन की मियाद अलग-अलग है।
- पहली कैटेगरी में अशांत व्यवहार जैसे धमकी भरे इशारे और हाव-भाव को रखा गया है। इस कैटेगरी में पैसेंजर पर 3 महीने तक बैन लगाया जाएगा।
- दूसरी कैटेगरी में फिजिकल एब्यूज को रखा गया है। इसमें धक्का देना, लात मारना, सैक्सुअल हैरेसमेंट शामिल हैं। इस कैटेगरी के तहत पैसेंजर पर 6 महीने तक बैन लगाया जा सकता है।
- तीसरी कैटेगरी में ऐसे व्यवहार को रखा गया है, जिसमें पैसेंजर के बर्ताव से स्टाफ को जान का खतरा पैदा होता हो। इस कैटेगरी में 2 साल या इससे ज्यादा वक्त तक बैन लगाया जा सकता है।
- नो फ्लाई लिस्ट से जुड़े अहम सवाल
क्यों उठा ये मामला?
रवींद्र गायकवाड़ पर 23 मार्च को एअर इंडिया के स्टाफर को 25 बार सैंडल से मारने का आरोप है। गायकवाड़ ने खुद मीडिया के सामने इसे कबूल भी किया था। उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद गायकवाड़ को एअर इंडिया समेत 7 एयरलाइन्स ने नो-फ्लाई लिस्ट में डाल दिया था। इस मामले में संसद में भी हंगामा हुआ था। इसके बाद गायकवाड़ ने एविएशन मिनिस्टर अशोक गजपति राजू से लिखित में माफी मांगी थी।
किसने की पहल?
फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइंस नो फ्लाई लिस्ट के फेवर में है। इस फेडरेशन में जेट एयरवेज, स्पाइस जेट, इंडिगो और गो एयर जैसी एयरलाइंस मेंबर हैं। ऑल इंडिया केबिन क्रू एसोसिएशन (AICCA) ने कहा था कि गायकवाड़ को एअर इंडिया के इम्प्लॉइज से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए। उन्हें फ्लाइट में ले जाने में रिस्क है और रहेगा।
वहीं, AICCA ने एअर इंडिया को लिखे लेटर में कहा था कि गायकवाड़ के मसले पर सरकार को कड़ा रुख अख्तियार करना चाहिए। इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन ने भी एअर इंडिया से गायकवाड़ मामले में सपोर्ट करने को कहा है।
कोई नो फ्लाई लिस्ट में है तो क्या होगा?
अगर किसी पैजेंसर का नाम नो फ्लाई लिस्ट में डाला गया है तो वो प्लेन का टिकट नहीं बुक करा सकेगा। हालांकि, ये डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन पर डिपेंड करता है कि वो किसे नो फ्लाई लिस्ट में डाला जाना चाहिए।
क्या कहते हैं नियम?
एयर एक्ट 1972 के चैप्टर-4 के तहत एयरलाइन्स किसी को भी टिकट देने से मना कर सकती है। एयरक्राफ्ट रूल्स 1937 का 22 और 23 नियम इस रोक को सही ठहराता है।
क्या होती है नो-फ्लाई लिस्ट?
दुनिया के कई देशों में यह सिस्टम है, जिसमें बदसलूकी या हिंसा करने वाले एयर पैसेंजर्स को इस लिस्ट में डाल दिया जाता है। इस लिस्ट में आने के ये मायने हैं कि आप दोबारा उस एयरलाइन से ट्रैवल नहीं कर सकते। यह बैन आप पर हमेशा के लिए या कुछ साल या महीनों के लिए हो सकता है। यूएस में अगर कोई नो-फ्लाई लिस्ट में है तो उसके बारे में एयरलाइन्स को अपने आप अलर्ट कर दिया जाता है।
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