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New Parliament Inauguration: हवन और धार्मिक प्रार्थना से होगा संसद भवन का उद्घाटन,सामने आया दशकों पुराना ये सच

New Parliament Inauguration प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा राज्यसभा के पूर्व सभापति हरिवंश समेत विभिन्न गणमान्य लोगों की उपस्थिति में दोपहर से नए भवन के उद्घाटन का औपचारिक कार्यक्रम प्रारंभ होगा। विपक्ष के अन्य नेताओं को भी न्योता दिया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaPublished: Fri, 26 May 2023 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 26 May 2023 06:00 AM (IST)
New Parliament Inauguration: हवन और धार्मिक प्रार्थना से होगा संसद भवन का उद्घाटन,सामने आया दशकों पुराना ये सच
New Parliament Inauguration: हवन और धार्मिक प्रार्थना से होगा संसद भवन का उद्घाटन, सामने आया दशकों पुराना ये सच

नई दिल्ली, एजेंसी। नए संसद भवन के उद्घाटन पर रार के बीच पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा सामने आ गई है। रविवार सुबह हवन और विभिन्न धर्मों की प्रार्थनाओं के बाद लोकसभा के चैंबर को आधिकारिक रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए खोला जाएगा। नए भवन के परिसर में सुबह करीब सात बजे हवन होगा। वहीं तमिलनाडु के आधीनमों (महंतो) द्वारा प्रधानमंत्री को सेंगोल सौंपा जाएगा। इसके लिए वहां से 20 आधीनम विशेष तौर पर आमंत्रित किए गए हैं। इस सेंगोल को नए संसद भवन में अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया जाएगा।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, राज्यसभा के पूर्व सभापति हरिवंश समेत विभिन्न गणमान्य लोगों की उपस्थिति में दोपहर से नए भवन के उद्घाटन का औपचारिक कार्यक्रम प्रारंभ होगा। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिं, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष शिवराज पाटिल, कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और विपक्ष के अन्य नेताओं को भी न्योता दिया गया है।

1947 में मूल सेंगोल बनाने में शामिल रहे 96 वर्षीय वुम्मिदी एथिराजुलु और 88 वर्षीय वुम्मिदी सुधाकर भी इस समारोह में शिरकत करेंगे। उस वक्त इस पर 15 हजार रुपये की लागत आई थी। बता दें कि सेंगोल पांच फीट लंबा चांदी से निर्मित और सोने की परत चढ़ाया हुआ दंड है। चोल साम्राज्य में सत्ता का हस्तांतरण इसी के माध्यम से होता था। अंतिम वायसराय लार्ड माउंटबेटन ने 14 अगस्त 1947 को पवित्र सेंगोल को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को सौंपकर सत्ता हस्तांतरित की थी।

एक मिनट के वीडियो से सामने आया दशकों पुराना सच

दशकों से पंडित जवाहर लाल नेहरू की सोने की छड़ी के नाम पर प्रयागराज के संग्रहालय में रखे सेंगोल का सच एक वीडियो से सामने आया था। चेन्नई के वुमुदी बंगारू ज्वेलर्स (वीबीजे) ने सेंगोल को लेकर एक मिनट का वीडियो बनाया था। यह वीडियो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक पहुंचा और सेंगोल की कहानी सामने आई।

मीडिया रिपो‌र्ट्स के मुताबिक, वीबीजे के मैनेजिंग डायरेक्टर अमरेंद्रन वुमुदी ने 2018 में एक मैगजीन में इसके बारे में पढ़ा था। इसके बाद 2019 में संग्रहालय में इसे देखने के बाद उन्होंने संग्रहालय के अधिकारियों के साथ प्रेस कान्फ्रेंस की योजना बनाई थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण ऐसा नहीं हो पाया। फिर उन्होंने इसके बारे में वीडियो बनाकर डाल दिया। कुछ समय बाद पीएमओ की एक टीम ने उनसे संपर्क किया।


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