मुंह के कैंसर के इलाज में कारगर है नई दवा, दुष्प्रभाव दूसरी दवाओं के मुकाबले बहुत कम
मुंह के कैंसर के इलाज में एक नई दवा ज्यादा असरदार है। शोध में पाया गया कि इस दवा का दुष्प्रभाव दूसरी दवाओं के मुकाबले बहुत कम है।
नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। कैंसर की बीमारी पर आयोजित सम्मेलन में एम्स, टाटा मेमोरियल, राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट सहित देश के कई अस्पतालों के डॉक्टरों ने इलाज की नई दवाओं व तकनीक पर चर्चा की। इसमें यह बात सामने आई कि कैंसर के इलाज के लिए कई दवाएं पहले से उपलब्ध होने के बावजूद देश में क्लीनिकल शोध के अभाव में डॉक्टर उसका इस्तेमाल करने से कतराते हैं। सम्मेलन में टाटा मेमोरियल अस्पताल के डॉक्टरों ने क्लीनिकल शोध पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें बताया गया कि मुंह के कैंसर के इलाज में एक नई दवा ज्यादा असरदार है।
टाटा मेमोरियल अस्पताल के डॉ. कुमार प्रभाष ने कहा कि करीब 536 मरीजों पर इस दवा का क्लीनिकल परीक्षण किया गया है। जिसके बाद यह देखा गया कि करीब 60 फीसद मरीज ठीक हो गए हैं। यह दवा एक बायो एजेंट है। जो कीमो के साथ टारगेट थेरपी के रूप में दी जाती है।
शोध में पाया गया कि इस दवा का दुष्प्रभाव दूसरी दवाओं के मुकाबले बहुत कम है। सम्मेलन में मौजूद डॉक्टरों का कहना है कि देश में तंबाकू का इस्तेमाल अधिक होने से मुंह के कैंसर से लोग अधिक पीड़ित होते हैं। इसके बावजूद शोध के अभाव में डॉक्टर विदेशी दिशा निर्देश पर निर्भर हैं। इस नए क्लीनिकल शोध से मुंह के कैंसर से पीड़ित मरीजों को फायदा होगा।