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अब काशी विश्वनाथ के दर्शन करने वाले भक्तों को मिलेगा टी शर्ट, भस्म-भभूत और रुद्राक्ष-शंख

द्वादश ज्योतिर्लिगों में खास बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के साथ ही अब भक्तों को प्रसाद स्वरूप उनकी निशानी भी मिलेगी।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 01:16 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 02:31 PM (IST)
अब काशी विश्वनाथ के दर्शन करने वाले भक्तों को मिलेगा टी शर्ट, भस्म-भभूत और रुद्राक्ष-शंख
अब काशी विश्वनाथ के दर्शन करने वाले भक्तों को मिलेगा टी शर्ट, भस्म-भभूत और रुद्राक्ष-शंख

प्रमोद यादव [वाराणसी]। द्वादश ज्योतिर्लिगों में खास बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के साथ ही अब भक्तों को प्रसाद स्वरूप उनकी निशानी भी मिलेगी। इसमें बाबा टीशर्ट और अंगोछा, भस्म-भभूत, रुद्राक्ष-शंख, साहित्य आदि होगा। इन्हें मंदिर प्रसाद काउंटर के साथ ही ऑनलाइन भी खरीदा जा सकेगा। मंदिर प्रशासन की ओर से इसके लिए कंपनी तय की जा चुकी है। रेट अप्रूवल की प्रक्रिया पूरी होते ही सामान भक्तों को उपलब्ध होने लगेंगे। अभी भक्तों को प्रसाद स्वरूप बेल पत्र या चढ़ाए गए प्रसाद से संतोष करना पड़ता है।

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कंपनी को मिलेगा नौ फीसद लाभांश
सेवा प्रदाता एजेंसी मंदिर की ओर से तय रेट पर निर्धारित गुणवत्ता वाले सामानों की बिक्री करेगी। इसके लिए मंदिर कार्यपालक समिति ने कंपनी से सभी सामानों के सैंपल मंगाए हैं। प्रसाद आइटम की बिक्री पर उसे नौ फीसद लाभांश दिया जाएगा। फिलहाल, प्रसाद आइटम के तौर पर विभिन्न सामानों की बिक्री प्रक्रिया भले प्रासेस में हो, मगर वेबसाइट पर इसका डेमो शुरू हो गया है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह के अनुसार गुणवत्ता और दर पर मंदिर का अधिकार होगा।

मूर्त रूप लेगी बहुप्रतीक्षित योजना 
मंदिर प्रशासन लंबे समय से श्रद्धालुओं के लिए बाबा की निशानी के तौर पर ऐसी व्यवस्था का प्रयास कर रहा है। इसके लिए न्यास बैठक में प्रस्ताव पारित कर चढ़ाए गए वस्त्र व साहित्य को बेचने का प्रस्ताव भी पारित हुआ, लेकिन क्रियान्वयन की दिशा में बात आगे नहीं बढ़ सकी। अपने बूते काम न होते देख अंतत: इसके लिए ट्रिपल-पी का रास्ता अख्तियार किया गया।

रुद्राक्ष और शंख में भी वेरायटी
आनलाइन प्रसाद में वेरायटी का भी ख्याल रखा जाएगा। रुद्राक्ष एक मुखी से पंचमुखी तक तो रेड सैंडल वुड व तुलसी की माला होगी। एसकेवीटी स्पेशल शंख के साथ राइट हैंड शंख भी खास होगा। इसके अलावा ब्रांज मेड व सिल्वर मेड पूजा आइटम, श्रीयंत्रम और पर्ल भी होंगे। साहित्य में शिव श्लोक चालीसा और सोवेनियर रूप में स्मृति चिह्न, शिवलिंग व वस्त्रम् में अंगोछा, टी शर्ट, एसकेवीटी स्पेशल दुपट्टा और गमछा आदि होंगे।’

दफ्तर में बना भोग प्रसाद
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा की रसोई का रविवार को ध्वस्तीकरण शुरु कर दिया है। परिसर में प्रथम तल स्थित इस रसोई में सैकड़ों वर्षो से दोनों पहर बाबा के लिए भोग बनाया जाता रहा है। इसे दोपहर की भोग आरती और शाम की श्रृंगार भोग आरती के समय अर्पित किया जाता रहा। इस भोग प्रसाद से ही दंडी संन्यासियों का भंडारा किया जाता रहा है। बाबा की रसोई तोड़ने के बाद से मंदिर दफ्तर में भोग पकाया जा रहा है। योजना के अनुसार बाबा की रसोई को अत्याधुनिक रूप दिया जाएगा।

मई में डिजिटल हुआ था बाबा का दरबार 
आपको यहां पर ये भी बता दें कि इसी वर्ष मई में बाबा श्री काशी विश्वनाथ का दरबार भी डिजिटली स्‍मार्ट किया गया था। मंदिर प्रशासन ने श्री काशी विश्वनाथ आरती बुकिंग ऐप लांच कर दिया है। इसके जरिए श्रद्धालुओं को घर बैठे कहीं से भी बाबा दरबार की मंगला आरती से शयन आरती तक के टिकट बुक करने की सुविधा दी गई थी।  यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर श्री काशी विश्वनाथ आरती बुकिंग के नाम से उपलब्ध है।

ऑनलाइन सुविधा
इस ऐप को डाउनलोड करके कोई भी व्यक्ति अपना अकाउंट क्रिएट कर सकता है और इसकी ऑनलाइन सुविधाओं का लाभ उठा सकता है। इसकी मदद से बाबा श्री काशी विश्वनाथ की मंगला आरती, भोग आरती, सप्तऋषि आरती एवं शयन आरती के दर्शन के टिकट की बुकिंग के लिए डेढ़ सौ और तीन सौ रुपये का ऑनलाइन भुगतान करना होगा। यह ऐप अभी और विकसित किया जा रहा है। इसके जरिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में आने वाले भक्त मंदिर के गेस्ट हाउस की बुकिंग भी करवा सकेंगे। जल्द ही ऐप के जरिए बाबा के लाइव दर्शन सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।  


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