टीम राहुल के हाथ आ रही राज्यों की कमान
कांग्रेस की 17 जनवरी को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर बड़ी घोषणा से पहले संगठन में धीरे-धीरे बदलाव की गति तेज होती जा रही है। विधानसभा चुनाव में जिन दो राज्यों में कांग्रेस चारों खाने चित्त हुई, उनमें नेतृत्व परिवर्तन कर दिया गया है। इस कड़ी में कंपनी मामलों के मंत्री सचिन पायलट को राजस्थ
नई दिल्ली। कांग्रेस की 17 जनवरी को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर बड़ी घोषणा से पहले संगठन में धीरे-धीरे बदलाव की गति तेज होती जा रही है। विधानसभा चुनाव में जिन दो राज्यों में कांग्रेस चारों खाने चित्त हुई, उनमें नेतृत्व परिवर्तन कर दिया गया है। इस कड़ी में कंपनी मामलों के मंत्री सचिन पायलट को राजस्थान का प्रदेश अध्यक्ष, तो पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री अरुण यादव को मध्य प्रदेश का अध्यक्ष बनाया गया है। अब दिल्ली से सटे हरियाणा पर भी नजरें हैं कि वहां युवा चेहरे अशोक तंवर के नाम की घोषणा हो सकेगी या नहीं। उम्मीद है कि पार्टी आलाकमान कई अन्य नेताओं को भी संगठन में जिम्मेदारी देगा।
पहले ही दूरगामी सियासत के मद्देनजर फैसले लेने का संकेत दे चुके राहुल गांधी ने हिंदी भाषी दो राज्यों की कमान युवाओं के हाथ में देकर पार्टी के ढांचे में परिवर्तन का बड़ा संकेत दिया है। दोनों ही नेता पिछड़े वर्ग से हैं और कांग्रेस में उनकी पीढि़यां रही हैं। राजस्थान में कांग्रेस की ऐतिहासिक पराजय हुई है। वहां पर राहुल ने लंबी रणनीति के तहत अपने सबसे युवा चेहरे को जिम्मेदारी सौंपी है। अजमेर से सांसद और कांग्रेस दिग्गज राजेश पायलट के बेटे सचिन टीम राहुल के अहम व प्रभावशाली सदस्य माने जाते हैं।
वैसे मौजूदा राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष चंद्रभान की जगह लेने के लिए कई अन्य चेहरे भी थे। इसी तरह पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और फिलहाल कांग्रेस सचिव अरुण यादव को मध्य प्रदेश भेजने का फैसला भी बेहद सोच-विचार कर लिया गया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी वहां भेजने पर विचार था, लेकिन मध्य प्रदेश में गुटबाजी के चलते ऐसा नाम ढूढ़ा गया, जिस पर सभी पक्ष राजी हों। अरुण यादव को कांति लाल भूरिया की जगह अध्यक्ष घोषित कर लंबी सियासत के संकेत दिए गए हैं।
राहुल सोनिया के पांच साल, मुलायम के तीस वर्ष से बेहतर
अमेठी में गांधी परिवार के खिलाफ कोई नहीं जीत सकता: कांग्रेस
भ्रष्टाचार से लड़ते दिखेंगे राहुल, पांच बिल लाने की तैयारी
पायलट की तरह अरुण भी कांग्रेसी पीढ़ी के उत्तराधिकारी हैं। अरुण के पिता सुभाष यादव मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं। माना जा रहा है कि टीम राहुल के अहम सदस्य अशोक तंवर भी हरियाणा के कांग्रेस अध्यक्ष घोषित किए जाएंगे। उनका नाम पहले भी घोषित हो चुका है, लेकिन हरियाणा की गुटबाजी के चलते सिरे नहीं चढ़ सका। उम्मीद है कि पार्टी आलाकमान कुछ महासचिवों और सचिवों सहित 13 लोगों को आम चुनाव या संगठन के काम में उतार सकता है।
जयराम रमेश, जितेंद्र सिंह और आरपीएन सिंह को संगठन में जिम्मेदारी देने की भी संभावनाएं हैं। इसके अलावा लोकसभा सदस्यों में महासचिव गुरुदास कामत, मुकुल वासनिक व सीपी जोशी और सचिव संजय निरुपम व अशोक तंवर को अहम जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर