पठानकोट के सुबूतों पर अब पाकिस्तान की नई बहानेबाजी
पठानकोट के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के नवाज शरीफ के शुरूआती आश्वासन के बाद पाकिस्तान की बहानेबाजी शुरू हो गई है। जिन पांच मोबाइल नंबरों से आतंकियों को फोन किया गया था, पाकिस्तान का कहना है कि वे फर्जी पहचान पर लिए गए थे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पठानकोट के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के नवाज शरीफ के शुरूआती आश्वासन के बाद पाकिस्तान की बहानेबाजी शुरू हो गई है। जिन पांच मोबाइल नंबरों से आतंकियों को फोन किया गया था, पाकिस्तान का कहना है कि वे फर्जी पहचान पर लिए गए थे।
पाकिस्तान अब भारत से कुछ और सबूत देने की बात कह रहा है। लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इसे महज पाकिस्तान की बहानेबाजी मान रही हैं। उनके अनुसार फर्जी पहचान पर लिए गए इन मोबाइल नंबरों के उपयोग करने वाले की पहचान करना पाकिस्तानी जांच अधिकारियों की जिम्मेदारी है।
हैरानी की बात यह है कि पठानकोट हमले के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए नाकाफी सबूत की खबरें पाकिस्तानी मीडिया में रोज आ रही हैं, लेकिन आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान ने भी तक भारत सरकार को इस बारे में कुछ नहीं बताया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पठानकोट हमले की साजिश रचने वाले आतंकियों के फोन नंबर के साथ-साथ उनकी बातचीत का रिकार्ड भी मौजूद है। संदिग्धों की आवाज के नमूने के साथ मिलाकर आरोपियों की आसानी से पहचान की जा सकती है। लेकिन ठोस कार्रवाई के बजाय पाकिस्तान मामले को लंबा खिंचने की कोशिश कर रहा है। भारत का कहना है कि हमले की साजिश जैश ए मोहम्मद के सरगना अजहर मसूद और उसके भाई ने रची थी और जांच में उनके खिलाफ ठोस सबूत मिल सकते हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई से बचने के लिए नई बहानेबाजी कर रहा है। मुंबई हमले के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के समय भी ऐसा ही हुआ था। अंतरराष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तान ने लश्करे तैयबा के आतंकी जकीउर्रहमान लखवी को गिरफ्तार जरूर कर लिया, लेकिन बाद में सबूत के अभाव में उसे रिहा भी कर दिया गया।
यही नहीं, पाकिस्तानी अदालत ने अन्य गिरफ्तार आरोपियों की आवाज लेने की इजाजत देने से इनकार कर दिया। इससे यह साबित करना मुश्किल होगा कि हमले के दौरान वे लोग आतंकियों को लगातार निर्देश दे रहे थे।उन्होंने कहा कि कुछ दिनों में मुंबई हमले के सभी आरोपियों का अदालत से बरी होना तय है।
सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पठानकोट हमले के आरोपियों को जांच के बिना ही क्लीनचिट देने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को जांच में आ रही दिक्कतों को तत्काल भारत को बताना चाहिए ताकि अन्य सबूत मुहैया कराय जा सके। लेकिन भारत को कुछ भी बताने के बजाय जांच अधिकारी मीडिया के माध्यम से सबूत पुख्ता नहीं होने का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।