New Education Policy 2020: नई शिक्षा नीति के ज्यादातर प्रावधान 2024 तक हो जाएंगे लागू
मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक मोटे तौर पर नीति में करीब 60 बदलावों का प्रस्ताव है जिसमें शुरूआत के दो सालों में करीब बीस प्रावधानों को लागू हो जाएंगे।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। नई शिक्षा नीति आने में जितना वक्त लगा, उसके क्रियान्वयन में संभवत: उतनी देरी न हो। सरकार ने इसे लेकर एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है, जिसके तहत 2024 तक नीति के ज्यादातर प्रावधानों को लागू कर दिया जाएगा। हालांकि मंत्रालय के नाम में बदलाव सहित स्कूली शिक्षा में प्री- प्राइमरी को शामिल करने जैसे प्रावधानों को इसी साल लागू करने का प्रस्ताव है।
समय पर अमल के लिए बनेगी उच्च स्तरीय कमेटी
वहीं पूरी नीति पर अमल के लिए 2035 तक की समयसीमा तय की गई है, जिसमें उच्च शिक्षा के सकल नामांकन दर (जीईआर) को बढ़ाकर 50 फीसद तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। जो अभी 26 फीसद ही है। शिक्षकों के शिक्षण और प्रशिक्षण का सौ फीसद लक्ष्य हासिल करने के लिए भी 2035 की समय सीमा तय की गई है। नीति तैयार करने वाली ड्राफ्ट कमेटी ने भी सरकार से एक समयसीमा में नीति को लागू करने की सिफारिश की थी।
साथ ही कहा था कि यदि इन बदलावों के सही परिमाण चाहिए, तो इन्हें एक समयसीमा में लागू करना होगा। यही वजह है कि मंत्रालय ने नीति को अंतिम रूप देने के साथ ही इसे लागू करने का एक रोडमैप भी तैयार किया है। जिसमें नीति के सभी प्रावधानों को लागू करने की एक समयसीमा तय की गई है। जिसके करीब 75 फीसद प्रावधानों को 2024 तक लागू करने का लक्ष्य है।
नई शिक्षा नीति में करीब 60 बदलावों का प्रस्ताव
मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक मोटे तौर पर नीति में करीब 60 बदलावों का प्रस्ताव है, जिसमें शुरूआत के दो सालों में करीब बीस प्रावधानों को लागू हो जाएंगे। इसी तरह 2022 में करीब सात प्रावधानों को और 2023 और 2024 में करीब 23 प्रावधानों को लागू करने की योजना है। बाकी प्रस्तावों को भी चरणबद्ध तरीके से 2035 तक लागू किया जाएगा। समय सीमा में लागू कराने के लिए उच्चस्तरीय कमेटी भी गठित की जाएगी। जो केंद्र और राज्यों के बीच नीति के अमल पर नजर रखेगी।
साथ ही हर साल नीति के अमल की समीक्षा भी की जाएगी। जिसमें संबंधित पक्षों के साथ केंद्र और राज्यों के अधिकारी शामिल होंगे। इसके साथ ही तय रोडमैप के तहत जब पूरी नीति 2035 तक लागू हो जाएगा, तो इसकी एक व्यापक समीक्षा भी की जाएगी। साथ ही नीति पर ठीक तरीके से अमल हो रहा है, इस पर भी नीति के लागू होने के अगले दस सालों तक नजर रखी जाएगी। खासबात यह है कि इस कमेटी में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विषय विशेषज्ञों की भी एक पूरी टीम रखी जाएगी, जो हर छोटे बड़े प्रावधानों को लागू करने की बारीकियों को परखेगी।