एससी एसटी एक्ट में सरकार की पुनर्विचार याचिका पर अब SC की नई पीठ करेगी सुनवाई
सुनवाई कर रही पीठ के न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल सेवानिवृत हो गए हैं इसलिए अब नई पीठ का गठन किया जाएगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एससी एसटी एक्ट में तत्काल गिरफ्तारी और तुरंत एफआईआर दर्ज करने पर रोक के फैसले के खिलाफ दाखिल केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट की नई पीठ शुरू से सुनवाई करेगी। सुनवाई कर रही पीठ के न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल सेवानिवृत हो गए हैं इसलिए अब उनकी जगह नये न्यायाधीश को शामिल करके मामले की सुनवाई के लिए नई पीठ का गठन किया जाएगा। ऐसे में फैसला आने में कुछ देर भी हो सकती है। यह इसलिए अहम है क्योंकि सरकार इस पर जल्द फैसला चाहती है। सरकार के स्तर पर कुछ मंत्री यह बयान भी दे चुके हैं कि कोर्ट याचिका को खारिज करेगी तो सरकार की तरफ से अध्यादेश लाकर पुराने कानून को अमल में लाया जाएगा।
जस्टिस आदर्श गोयल के सेवानिवृत होने के बाद नई पीठ का होगा गठन
गत 20 मार्च को न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल व न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने एससी एसटी एक्ट के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए आदेश दिया था कि एससीएसटी कानून के तहत प्रताड़ना की शिकायत मिलने पर तत्काल प्राथमिकी दर्ज नहीं होगी बल्कि पहले डीएसपी शिकायत की जांच करेंगे कि मामला फर्जी या दुर्भावना से प्रेरित तो नहीं है। इसके साथ ही अभियुक्त की तत्काल गिरफ्तारी भी नहीं होगी।
कोर्ट ने कहा है कि ऐसे मामलों में सरकारी कर्मचारी की गिरफ्तारी से पहले सक्षम अथारिटी और सामान्य व्यक्ति की गिरफ्तारी से पहले एसएसपी की मंजूरी लेनी जरूरी होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने अभियुक्त के लिए अग्रिम जमानत का रास्ता भी खोला था। केन्द्र सरकार ने कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल कर कोर्ट से फैसले पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया है।
सुप्रीम कोर्ट नियमों के मुताबिक पुनर्विचार याचिका पर वही पीठ सुनवाई करती है जिसने मुख्य फैसला सुनाया होता है। इसीलिए इस मामले में जस्टिस गोयल और ललित की पीठ ही पुनर्विचार याचिका पर विचार कर रही थी। जस्टिस गोयल गत 6 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश पद से सेवानिवृत हो गए हैं।
अब पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के लिए उनकी जगह कोई नया जज शामिल होगा और मुख्य न्यायाधीश फिर से सुनवाई पीठ का गठन करेंगे। नई पीठ नये सिरे से पुनर्विचार याचिका पर विचार करेगी। पहले इस याचिका पर न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल व न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ सुनवाई कर रही थी जिसने फैसले पर अंतरिम रोक लगाने की केंन्द्र सरकार की मांग ठुकरा दी थी।