नए पिछड़ा वर्ग आयोग को मिलेगी सिविल कोर्ट की शक्ति
अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) के लिए संवैधानिक संस्था की लंबे समय से मांग की जा रही थी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार पिछड़े वर्गों के लिए प्रस्तावित नए आयोग को सिविल कोर्ट की शक्तियों से लैस करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह राष्ट्रीय आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीएसईबीसी) के गठन को मंजूरी दी। प्रस्तावित आयोग को संवैधानिक दर्जा प्राप्त होगा। सरकार ने मौजूदा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) की स्थापना के कानून को रद करने का फैसला लिया। इसका स्थान एनसीएसईबीसी लेगा।
एनसीबीसी सामाजिक न्याय मंत्रालय के तहत पिछड़े वर्गों की वैधानिक संस्था है। अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) के लिए संवैधानिक संस्था की लंबे समय से मांग की जा रही थी। सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित आयोग को मौजूदा आयोग की तुलना में अधिक अधिकार प्राप्त होंगे।
प्रस्तावित एनसीएसईबीसी पिछड़े वर्गों की शिकायतों के मामलों को देखेगा। सिविल कोर्ट की शक्तियां मिलने पर वह आरोपी को समन कर सकता है और सजा दे सकता है। संवैधानिक दर्जा होने के कारण नई संस्था द्वारा केंद्रीय सूची में शामिल ओबीसी को हटाया नहीं जा सकेगा। नए आयोग को संवैधानिक दर्जा और अधिकार देने के लिए संसद में विधेयक पेश किया जाएगा।
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