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लखनऊ में 1383 करोड़ की लागत से बनेगा नया एयरपोर्ट टर्मिनल

सूचना प्रौद्योगिकी एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि लखनऊ में नए एयरपोर्ट टर्मिनल का निर्माण 88000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में होगा।

By Manish NegiEdited By: Published: Wed, 02 May 2018 09:17 PM (IST)Updated: Wed, 02 May 2018 09:17 PM (IST)
लखनऊ में 1383 करोड़ की लागत से बनेगा नया एयरपोर्ट टर्मिनल
लखनऊ में 1383 करोड़ की लागत से बनेगा नया एयरपोर्ट टर्मिनल

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सरकार ने पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत से लखनऊ, गुवाहाटी और चेन्नई में नए एयरपोर्ट टर्मिनल बनाने का निर्णय लिया है। लखनऊ में नया टर्मिनल बनाने में 1383 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

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प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इसका फैसला किया गया। इन तीनों एयरपोर्ट को विकसित करने के लिए सरकार ने पहले इनके निजीकरण की योजना बनायी थी। लेकिन बाद में इस प्रस्ताव को वापिस ले लिया गया। अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया इन्हें खुद विकसित करेगी।

सूचना प्रौद्योगिकी एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि लखनऊ में नए एयरपोर्ट टर्मिनल का निर्माण 88000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में होगा। इसका निर्माण 16292 वर्ग मीटर में फैले मौजूदा टर्मिनल के नजदीक ही किया जाएगा। नया टर्मिनल सालाना 26 लाख अंतरराष्ट्रीय तथा 1.10 करोड़ घरेलू यात्रियों समेत कुल 1.36 करोड़ यात्रियों को संभाल सकेगा। नए टर्मिनल की योजना 2030-31 तक की यातायात जरूरतों को पूरा करने के हिसाब से तैयार की गई है।

नागरिक विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा के अनुसार लखनऊ समेत तीनो नए एयरपोर्ट टर्मिनलों का निर्माण स्थानीय सांस्कृति और विरासत को ध्यान में रखकर विख्यात वास्तुविदों के डिजाइन पर किया जाएगा। इस लिहाज से लखनऊ एयरपोर्ट का डिजाइन अनिल दीवान ने लखनऊ शहर की तहजीब को ध्यान में रखकर तैयार किया है।

एयरपोर्ट अथारिटी के चेयरमैन गुरुप्रसाद मोहापात्र के अनुसार नए एकीकृत टर्मिनल को मौजूदा टर्मिनल के नजदीक ही बनाया जाएगा और दोनों को आपस में जोड़ा जाएगा। इसमें दो लेवल होंगे। आगमन भूतल पर, जबकि प्रस्थान ऊपरी तल पर होगा जिसके लिए एलीवेटेड रोड दी जाएगी। इसके अलावा 20 हजार वर्ग मीटर का बेसमेंट एरिया भी होगा। टर्मिनल का निर्माण दो चरणों में होगा। पहले चरण के तहत 51000 वर्ग मीटर का हिस्सा बनेगा और इसके साथ टी-1 टर्मिनल से अंतरराष्ट्रीय उड़ाने यहां शिफ्ट कर टी-1 को ध्वस्त कर दिया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण का निर्माण शुरू होगा। नए टर्मिनल में दिव्यांगों के लिए विशेष सहूलियतें सृजित की जाएंगी। इको फ्रेंडली रेटिंग हासिल करने के हिसाब से पर्यावरण अनुकूल बनाया जाएगा। नए टर्मिनल में आटो रोटेशन के साथ लाइन बैगेज हैंडलिंग प्रणाली के अलावा दुकानों के लिए 15 हजार वर्ग मीटर का रिटेल स्पेस तैयार किया जाएगा।

नए टर्मिनल की जरूरत लखनऊ में बढ़ते वायु यातायात को देखते हुए पड़ी है। वर्ष 2008 से ही लखनऊ में सालाना 19.5 फीसद के हिसाब से यातायात में बढ़ोतरी हो रही है। मौजूदा टर्मिनल की डिजाइन क्षमता 30 लाख यात्रियों को हैंडल करने की है। जबकि 2017-18 के दौरान यहां 47.5 लाख यात्रियों का आवागमन हुआ। नया टर्मिनल तैयार होने के बाद दोनो टर्मिनल मिलकर हर साल 1.36 करोड़ यात्रियों को हैंडल कर सकेंगे। जबकि व्यस्ततम समय में यहां एक साथ 4000 यात्री (3200 अंतरराष्ट्रीय व 800 घरेलू) संभाले जा सकेंगे।

नए टर्मिनल की अन्य खूबियां

चेक इन काउंटर: 72, सेल्फ चेक इन कियास्क: 20, इमीग्रेशन काउंटर: 36, कस्टम काउंटर: 16, अराइवल कैरोसल्स : 8, एरोब्रिज : 7, एस्केलेटर 9 तथा एलीवेटर : 30 । इसके अलावा सेल्फ बैगेज ड्रॉप काउंटर, हैंड बैगेज के लिए आटोमैटिक ट्रे रिट्रीवल सिस्टम तथा पैसेंजर फ्लो मानीटरिंग सिस्टम।

हरित उपाय :

रूफ माउंटेड सोलर पैनेल, रेनवाटर हार्वेटिस्टंग सिस्टम, एलईडी लाइटें, ऊर्जा सक्षम एयरकंडीशनिंग, जीरो डिस्चार्ज सीवेज ट्रीटमेंट प्रणाली आदि।


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