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नेपाल ने लिपुलेख में भारतीय सेना पर नजर रखने के दिए निर्देश, चीन भी लगातार बढ़ा रहा अपने सैनिक

भारत-चीन के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए नेपाल की केपी ओली सरकार ने अपनी सेना को लिपुलेख में भारतीय सेना की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2020 09:08 PM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2020 09:08 PM (IST)
नेपाल ने लिपुलेख में भारतीय सेना पर नजर रखने के दिए निर्देश, चीन भी लगातार बढ़ा रहा अपने सैनिक
नेपाल ने लिपुलेख में भारतीय सेना पर नजर रखने के दिए निर्देश, चीन भी लगातार बढ़ा रहा अपने सैनिक

नई दिल्ली, आइएएनएस। भारत-चीन के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए नेपाल की केपी ओली सरकार ने अपनी सेना को लिपुलेख में भारतीय सेना की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा है। उत्तराखंड में स्थित लिपुलेख भारत, नेपाल और चीन की सीमा को सीधे जोड़ता है। नेपाल के गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर यहां नेपाल सशस्त्र पुलिस बल (एनएपीएफ) को सतर्क रहने का निर्देश दिया।

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इधर, चीन भी इस सीमा पर अपने जवानों की संख्या बढ़ा रहा है। उसने सीमा से 10 किलोमीटर दूर पाला में सैनिकों की तैनाती की है। उसने जुलाई माह में ही पाला के पास एक हजार जवानों को तैनात कर एक स्थायी पोस्ट का निर्माण किया था। सूत्रों के अनुसार, कुछ दिन पहले चीन की ओर से इस पोस्ट पर दो हजार और सैनिकों को तैनात किया गया है।

गौरतलब है कि भारत द्वारा यहां सड़क निर्माण कार्य शुरू करने पर नेपाल से उसके कूटनीतिक रिश्तों में दरार पड़ गई है। नेपाल ने लिपुलेख को अपना भू-भाग बताकर एक नया नक्शा भी जारी किया था। भारत यहां सड़क निर्माण का कार्य कैलास मानसरोवर यात्रा को आसान बनाने के लिए कर रहा है।

वहीं चीन ने भी दोनों देशों के बीच राजनीतिक रिश्तों में आई खटास को देखते हुए अपनी सक्रियता बढ़ी दी है। उसने एलएसी के पास कई स्थानों पर यथास्थिति को बदल दिया है। भारत चीन के समक्ष यह मामला उठाते हुए लगातार उस पर दबाव बना रहा है। भारत ने भी चीन की सैन्य गतिविधियों का जवाब देने के लिए एलएसी के पास अपनी ताकत बढ़ाई है।

उल्‍लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख में चीन की सैन्य चालबाजी लगातार दूसरे दिन नाकाम हो गई है। भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे की एक अहम रणनीतिक चोटी पर अपना कब्जा जमा लिया है। 29-30 अगस्त की रात चीनी सैनिकों की घुसपैठ को नाकाम करने के बाद 31 अगस्त को चीनी सेना ने दोबारा इसी इलाके में अतिक्रमण की कोशिश की थी। भारतीय सेना के इस कदम से एलएससी पर पैंगोंग झील के इलाके में भारतीय सैनिकों की स्थिति मजबूत हो गई है।


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