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नीट और जेईई मेंस को नहीं किया जाएगा रद, अगले हफ्ते तक जारी हो जाएगा परीक्षा का कार्यक्रम

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और एनटीए से जुड़े सूत्रों के अनुसार नीट और जेईई मेंस के संबंध में पीएमओ से भी हरी झंडी मिल गई है। ऐसे में इन परीक्षाओं को लेकर तैयारी तेज कर दी गई है ।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sun, 06 Jun 2021 07:02 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 07:01 AM (IST)
नीट और जेईई मेंस को नहीं किया जाएगा रद, अगले हफ्ते तक जारी हो जाएगा परीक्षा का कार्यक्रम
नीट और जेईई मेंस को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने दिया स्पष्ट संकेत

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। 12वीं की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा रद होने के बाद सरकार के सामने अब नीट (नेशनल एलिजविलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) और जेईई (ज्वाइंट एंट्रेंस एक्जाम) मेंस जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं को भी रद करने का दबाव बढ़ने लगा है। हालांकि इन सब के बावजूद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने साफ संकेत दिया है कि नीट और जेईई मेंस की परीक्षाएं रद नहीं होंगी। कोरोना संक्रमण की स्थिति में और सुधार होने के बाद इन्हें तुरंत कराया जाएगा। नेशनल टे¨स्टग एजेंसी (एनटीए) ने इस बीच अगले हफ्ते तक नीट और जेईई मेंस से जुड़ी परीक्षा का कार्यक्रम जारी करने के भी संकेत दिए हैं।

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शिक्षा मंत्रालय और एनटीए से जुड़े सूत्रों के अनुसार, नीट और जेईई मेंस के संबंध में पीएमओ से भी हरी झंडी मिल गई है। ऐसे में इन परीक्षाओं को लेकर तैयारी तेज कर दी गई है। मंत्रालय का मानना है कि देश के ज्यादातर राज्यों में बोर्ड परीक्षाएं नहीं हुई हैं। छात्रों को आंतरिक आकलन के आधार पर अंक दिए जा रहे हैं। ऐसे में इन प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में बगैर प्रवेश परीक्षा के छात्रों का चयन ठीक नहीं होगा। इससे कई तरह के नए सवाल भी पैदा होंगे। वैसे भी दिल्ली सहित देश के सभी राज्यों की संक्रमण स्थिति में जिस तेजी से सुधार हो रहा है और लाकडाउन हटाया जा रहा है, उससे मंत्रालय उत्साहित है।

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए प्रस्तावित संयुक्त प्रवेश परीक्षा की तैयारी तेज

मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए प्रस्तावित संयुक्त प्रवेश परीक्षा को भी इसी साल से ही कराने की तैयारी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इसकी सिफारिश की गई थी। इसके बाद मंत्रालय ने भी इस सिफारिश को नए शैक्षणिक सत्र से लागू करने का एलान किया था। हालांकि कोरोना की नई लहर के आने के बाद इसकी तैयारियां प्रभावित हुई हैं, लेकिन अब उन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो इससे दो उद्देश्य पूरे होते दिख रहे हैं। पहला राष्ट्रीय शिक्षा नीति की एक बड़ी सिफारिश को तय समय से लागू करने का लक्ष्य पूरा होगा, दूसरा प्रतिभाशाली छात्रों को दाखिले में पूरी तरह से न्याय भी मिल सकेगा। साथ ही दाखिले को लेकर होने वाला भटकाव भी खत्म होगा।


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