तंबाकू व अन्य वस्तुओं की तस्करी के मुद्दे को वैश्विक मंच पर उठाने की जरूरत, 40.5 अरब डॉलर का सालाना नुकसान
थिंक चेंज फोरम ने अवैध रूप से बनाई जाने वाली वस्तुओं की तस्करी पर रोक के लिए सरकार से इस मुद्दे को जी-20 जैसे वैश्विक फोरम पर उठाने की मांग की है। यह फोरम अपने रिसर्च से विभिन्न मुद्दों पर सरकार को सलाह देने का काम करता है। File Photo
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। थिंक चेंज फोरम ने अवैध रूप से बनाई जाने वाली वस्तुओं की तस्करी पर रोक के लिए सरकार से इस मुद्दे को जी-20 जैसे वैश्विक फोरम पर उठाने की मांग की है। यह फोरम अपने रिसर्च से विभिन्न मुद्दों पर सरकार को सलाह देने का काम करता है। अवैध रूप से विभिन्न देशों में बनाए जाने वाले तंबाकू आइटम, अल्कोहल व मोबाइल फोन का बड़ी मात्रा में तस्करी होता है।
बता दें कि जिन देशों में इन वस्तुओं पर अधिक टैक्स है, वहां इन वस्तुओं की सबसे अधिक तस्करी होती है। तस्करी वाले आइटम पर टैक्स का कोई बोझ नहीं होने से यह बाजार में सस्ते दाम पर बिकता है। इस वजहों से जिन देशों में तस्करी वाले आइटम जितनी अधिक मात्रा में आते हैं, उन देशों को राजस्व का उतना ही नुकसान होता है।
इसके अलावा अवैध रूप से बनाए गए सिगरेट जैसे तंबाकू आइटम जानलेवा भी साबित हो जाते हैं। फोरम ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ तंबाकू उत्पादों की तस्करी से दुनिया के कई देशों को सालाना 40.5 अरब डॉलर के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है। फोरम के मुताबिक इस प्रकार की तस्करी प्रति व्यक्ति कम आय वाले देशों में उच्च आय वाले देशों के मुकाबले अधिक होती है।
फोरम के मुताबिक, तस्करी पर नियंत्रण से वर्ष 2030 के बाद मध्य व कम आय वाले देशों में प्रतिवर्ष 1,64,000 समय पूर्व होने वाली मौत भी रोकी जा सकती है। फोरम ने सरकार से कहा है कि तस्करी पर रोक के लिए भारत को इस मसले को संयुक्त राष्ट्र में रखना चाहिए। जी-20 समूह का अध्यक्ष होने के नाते इस मंच पर तस्करी रोकने के लिए भारत रोडमैप पेश कर सकता है।