शिक्षा प्रणाली में नवीनता की जरूरत: राष्ट्रपति
भुवनेश्वर। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को भारत की शिक्षा प्रणाली में मौलिक परिवर्तन लाने का आह्वान किया ताकि देश शिक्षा के क्षेत्र में अपना खोया हुआ गौरव फिर से हासिल कर सके। भुवनेश्वर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान [आइआइटी] के दूसरे दीक्षांत समारोह में भाग लेने से पहले राष्ट्रपति पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ के म
भुवनेश्वर। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को भारत की शिक्षा प्रणाली में मौलिक परिवर्तन लाने का आह्वान किया ताकि देश शिक्षा के क्षेत्र में अपना खोया हुआ गौरव फिर से हासिल कर सके।
भुवनेश्वर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान [आइआइटी] के दूसरे दीक्षांत समारोह में भाग लेने से पहले राष्ट्रपति पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर में करीब आधे घंटे पूजा अर्चना की। राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मौलिक परिवर्तनों के लिए हमारी शिक्षा प्रणाली में सुधार की जरूरत है। हमारी परीक्षा प्रणाली में मूल्यांकन के आधुनिक तरीके अनिवार्य रूप से शामिल करने होंगे। हर हाल में श्रेष्ठ शिक्षकों की नियुक्ति करनी होगी। विश्वविद्यालयों के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना भरनी होगी। अकादमिक नियमों को सुव्यवस्थित करना होगा ताकि छात्रों के अनुकूल शिक्षण प्रणाली का निर्माण हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं उसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं लेकिन गुणवत्ता के अभाव में देश में बहुत कम ऐसे शिक्षण संस्थान हैं जो वैश्विक रैंकिंग में होने का दावा कर सकते हैं। दुनिया के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में आइआइटी सहित एक भी भारतीय विश्वविद्यालय नहीं है।
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