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लॉकडाउन के दौरान सड़क हादसों में करीब 200 प्रवासियों ने गंवाई जान, 750 लोग हुए मौत के शिकार

लॉकडाउन के दौरान देश भर में 750 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हुई जिनमें करीब 200 प्रवासी मजदूर शामिल थे।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 11:19 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 11:41 AM (IST)
लॉकडाउन के दौरान सड़क हादसों में करीब 200 प्रवासियों ने गंवाई जान, 750 लोग हुए मौत के शिकार
लॉकडाउन के दौरान सड़क हादसों में करीब 200 प्रवासियों ने गंवाई जान, 750 लोग हुए मौत के शिकार

नई दिल्ली, एजेंसियां। देशव्यापी लॉकडाउन प्रवासी कामगारों पर भारी पड़ा है। सड़क दुर्घटनाओं में करीब दो सौ प्रवासी कामगारों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। सेव लाइफ फाउंडेशन के द्वारा एकत्रित डाटा में इस बात का खुलासा हुआ है। फाउंडेशन के मुताबिक, देश में लॉकडाउन के दौरान 25 मार्च से 31 मई तक 1461 सड़क दुर्घटनाओं में कम से कम 750 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इनमें 198 प्रवासी कामगार शामिल हैं। वहीं 1390 लोग घायल हुए हैं।

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इन सभी मौतों में सर्वाधिक मौतें उत्तर प्रदेश में हुई है। यहां पर 245 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, जो सड़क दुर्घटनाओं में कुल मौतों का करीब 30 फीसद है। इसके बाद सर्वाधिक मौतें तेलंगाना (56), मध्य प्रदेश(56), बिहार (43), पंजाब (38) और महाराष्ट्र (36) में हुई हैं।

लॉकडाउन में सड़क हादसों में मौत का आंकड़ा

लॉकडाउन के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में मौत के आंकड़ों पर नजर डालें तो लॉकडाउन के अलग-अलग चरणों में कई सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की मौत हुई। इस दौरान देश भर में 750 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हुई। इनमें 198 प्रवासी मजदूर थे। वहीं 40 लोग अन्य सेवाओं से जुड़े थे। 512 अन्य लोगों की इस दौरान मौत हुई।

पहला चरण

आंकड़ों के मुताबिक, लॉकडाउन के पहले चरण(25 मार्च से 14 अप्रैल) में सड़क दुर्घटना में 67 लोगों की मौत हुई। इस दौरान 25 प्रवासी मजदूरों की मौत हुई। वहीं 9 अन्य लोगों की मौत हुई। अन्य सेवाओं से जुड़े 7 लोगों की इस दौरान मौत हुई।

दूसरा चरण

लॉकडाउन के दूसरे चरण(15 अप्रैल से 3 मई) में 70 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हुई। इस दौरान 17 प्रवासी मजदूरों की मौत हुई। 42 अन्य लोगों की भी मौत सामने आई। अन्य सेवाओं से जुड़े 10 लोगों की रोड एक्सीडेंट में मौत हुई।

तीसरा चरण

लॉकडाउन के तीसरे चरण(4 मई से 17 मई) में देश भर में 291 लोगों की रोड एक्सीडेंट में मौत हुई। इनमें 11 प्रवासी मजदूर शामिल थे। वहीं 12 लोग अन्य सेवाओं से जुड़े थे। इस दौरान 161 अन्य लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत सामने आई।

चौथा चरण

लॉकडाउन के चौथा चरण(4 मई से 17 मई) के दौरान देश भर में 322 सड़क दुर्घटनाएं सामने आईं। इनमें 38 प्रवासी मजदूर की मौतें शामिल थीं। वहीं 11 लोग अन्य सेवाओं से जुड़े थे। 273 अन्य लोगों की इस दौरान सड़क हादसों में मौत हुई।

राज्यवार सड़क दुर्घटनाओं में मौतें

लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं उत्तर प्रदेश में सामने आईँ हैं। यूपी में इस लॉकडाउन के दौरान कुल 245 लोगों की रोड एक्सीडेंट में मौत हुई है, इनमें 94 प्रवासी मजदूर हैं। इसके बाद मध्य प्रदेश में 56 लोगों की मौत सामने आई, जिसमें 38 प्रवासी थे। बिहार में लॉकडाउन के दौरान 43 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई। इनमें 16 प्रवासी मजदूर शामिल हैं। महाराष्ट्र की बात करें तो यहां लॉकडाउन के दौरान 36 लोगों की दुर्घटनाओं में मौत हुई, जिनमें 9 प्रवासी मजदूर शामिल हैं।

झारखंड में लॉकडाउन के दौरान 33 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई। यहां 5 प्रवासी मजदूरों ने हादसों में अपनी जान गंवाई। हरियाणा में इस दौरान कुल 28 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हुई। इस दौरान 6 प्रवासी मजदूरों की मौत हुई। 


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