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एनडीआरएफ को संयुक्त राष्ट्र से मिलेगी अंतरराष्ट्रीय आपदा मोचन बल की मान्यता

एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि इसकी प्रक्रिया स्विट्जरलैंड स्थित द इंटरनेशनल सर्च एंड रेस्क्यू एडवायजरी ग्रुप (इनसार्ग) द्वारा पूरी की जाएगी जो संयुक्त राष्ट्र के तहत 90 से अधिक देशों और संगठनों का नेटवर्क है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 07:54 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 08:03 PM (IST)
एनडीआरएफ को संयुक्त राष्ट्र से मिलेगी अंतरराष्ट्रीय आपदा मोचन बल की मान्यता
भारत जल्द ही होगा अंतरराष्ट्रीय आपदा बचाव अभियान का हिस्सा

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत जल्द ही संयुक्त राष्ट्र से मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय आपदा बचाव अभियान का हिस्सा हो सकता है। ऐसा इसलिए कि देश की शीर्ष आपदा राहत संस्था- राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को जल्द ही वैश्विक मानकों के अनुरूप होने की मान्यता मिलने की उम्मीद है।

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एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि इसकी प्रक्रिया स्विट्जरलैंड स्थित द इंटरनेशनल सर्च एंड रेस्क्यू एडवायजरी ग्रुप (INSARAG) द्वारा पूरी की जाएगी, जो संयुक्त राष्ट्र के तहत 90 से अधिक देशों और संगठनों का नेटवर्क है।

उम्मीद है वर्ष 2021 तक मिल जाएगी मान्यता

एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने एक साक्षात्कार में कहा कि जिस तरह देश में भारतीय मानक ब्यूरो है, उसी प्रकार संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी इनसार्ग दुनियाभर में आपदा मोचन बलों का मानकीकरण करती है। यह वैश्विक मानक है। हम उनके मानकों के अनुरूप हैं और उम्मीद है कि वर्ष 2021 में मान्यता मिल जाएगी। उन्होंने चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के पास मौजूद ऐसी मान्यता के महत्व को भी उन्होंने रेखांकित किया।

प्रधान ने बताया, 'अगर आपको संयुक्त राष्ट्र किसी आपदा में मदद करने के लिए बुलाता है..तो आप अंतरराष्ट्रीय मोचन बल होते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमने अतंरराष्ट्रीय बचाव अभियान में पहले हिस्सा नहीं लिया है। हालांकि जब हम नेपाल या जापान गए तो यह दो देशों का द्विपक्षीय फैसला था, लेकिन इस मानकीकरण के बाद ऐसा कार्य संयुक्त राष्ट्र से मंजूरी प्राप्त होगा।'

पिछले साल सितंबर में एनडीआरएफ की टीमों की समीक्षा की गई थी

उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए गौरव का विषय होगा कि उसके बल को अंतरराष्ट्रीय आपदा मोचन बल के तौर पर जाना जाएगा। सिंगापुर और ऑस्ट्रेलियाई विशेषज्ञों सहित इनसार्ग की समिति ने पिछले साल सितंबर में एनडीआरएफ की टीमों की समीक्षा की थी। लेकिन कोरोना महामारी की वजह से यह प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई। हालांकि उम्मीद है कि वर्ष 2021 में एनडीआरएफ की दो टीमों को इनसार्ग टीम के तौर पर अधिसूचित कर दिया जाएगा।

बता दें कि प्राकृतिक और इंसानी आपदा के दौरान राहत और बचाव के लिए वर्ष 2006 में एनडीआरएफ का गठन किया गया था। इस समय बल में 12 बटालियन हैं, जिनमें 15 हजार से अधिक कर्मी पूरे देश में तैनात हैं। चार बटालियनों के गठन की प्रक्रिया जारी है।

प्रधान ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र मानकीकरण एक लंबी प्रक्रिया होगी, जिसके तहत और भी टीमों का प्रमाणन होगा।


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