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Delhi IGI Airport: विश्व स्तरीय सिक्योरिटी होल्ड एरिया सुरक्षा प्लान लागू, जानिए- इसकी खूबी

बेहतर व्यवस्था होने के कारण विश्व के ज्यादा देशों में एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी होल्ड एरिया प्लान को ही अपनाया है। वर्तमान में भारत में सिर्फ श्रीनगर एयरपोर्ट पर कानकॉर प्लान लागू है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 07:29 AM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 07:59 AM (IST)
Delhi IGI Airport: विश्व स्तरीय सिक्योरिटी होल्ड एरिया सुरक्षा प्लान लागू, जानिए- इसकी खूबी
Delhi IGI Airport: विश्व स्तरीय सिक्योरिटी होल्ड एरिया सुरक्षा प्लान लागू, जानिए- इसकी खूबी

नई दिल्ली [संतोष शर्मा]। दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर संदिग्ध बैग मिलने की घटना के बाद आइजीआइ सहित देशभर के एयरपोर्ट की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। सीआइएसएफ के अधिकारी ने बताया कि आइजीआइ एयरपोर्ट पर विश्व स्तरीय सिक्योरिटी होल्ड एरिया सुरक्षा प्लान लागू है। ज्यादातर देशों में इसी प्लान के तहत एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था की गई। यही नहीं भारतीय एयरपोर्ट की बनावट के मद्देनजर इस प्लान में बदलाव करना भी संभव नहीं है। हालांकि नई चुनौतियों के मुताबिक सुरक्षा के अतिरिक्त उपाय तलाशे जाते रहे हैं।

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भारत में सिर्फ श्रीनगर एयरपोर्ट पर कानकॉर प्लान लागू

विश्वभर के एयरपोर्ट पर तीन तरह की सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इनमें सिक्योरिटी होल्ड एरिया प्लान, कानकॉर प्लान और बोर्डिंग गेट एरिया प्लान प्रमुख हैं। आइजीआइ पर सिक्योरिटी होल्ड एरिया प्लान के अंतर्गत सुरक्षाकर्मी गेट पर सिर्फ यात्रा दस्तावेज देखते हैं। टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर के हिस्से में बैगेज और सिक्योरिटी होल्ड एरिया में यात्री की सुरक्षा जांच की जाती है, जबकि कानकॉर प्लान में गेट पर ही यात्री और बैगेज की जांच की जाती है। वर्तमान में भारत में सिर्फ श्रीनगर एयरपोर्ट पर कानकॉर प्लान लागू है। वहीं बोर्डिग गेट प्लान के तहत विमान में जाने से पहले बोर्डिंग गेट पर यात्रियों की सुरक्षा जांच होती है। बेहतर व्यवस्था होने के कारण विश्व के ज्यादा देशों में एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी होल्ड एरिया प्लान को ही अपनाया है।

यूएन की एजेंसी तय करती है, कौन से एयरपोर्ट हो कैसी सुरक्षा

यूएन की एजेंसी इंटरनेशनल सिविल एविएशन आर्गेनाइजेशन (आइसीएओ) सुनिश्चत करती है कि किस एयरपोर्ट पर कौन सी सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। वहीं, ब्रसेल्स के जेवेनटेम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर मार्च 2016 में आतंकी हमले के बाद आइजीआइ पर सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव की बात कही जा रही थी। जेवेनटेम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर भी सुरक्षा व्यवस्था आइजीआइ एयरपोर्ट की ही तरह है, लेकिन तमाम भारतीय एजेंसियों की हुई उच्च स्तरीय बैठक में इस संभावना को खारिज कर दिया गया था। सीआइएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आइजीआइ एयरपोर्ट पर कानकॉर प्लान लागू करने के लिए टर्मिनल में बड़े स्तर पर बदलाव कि जरुरत होगी।

एयरपोर्ट के डिपार्चर बिल्डिंग के बाहर सामान जांच के लिए एक्स-रे बैगेज जांच मशीनें लगाने और काउंटर के लिए अतिरिक्त जगह चाहिए। वहीं, प्रवेश द्वार पर यात्रियों की तलाशी के लिए अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को लगाना पड़ेगा, इसलिए भारतीय परिवेश में वर्तमान प्लान ही ज्यादा सटीक है। दहशतगर्द भले ही एयरपोर्ट के अंदर वारदात करने में सफल हो जाएं, लेकिन उनके बचकर बाहर निकलने की संभावना बिल्कुल नहीं है। बाहर के हिस्से में भी आतंकी वारदात को अंजाम देने में तो सफल हो सकते हैं लेकिन उन्हें भी मार गिराया जाएगा। संदिग्ध वारदात न कर पाएं इसके लिए आइजीआइ एयरपोर्ट पर पहले से बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था है। एयरपोर्ट से पहले पिकेट पर सुरक्षाकर्मी संदिग्ध लोगों व वाहनों पर नजर रखते हैं। मुख्य प्रवेश द्वार से टर्मिनल बिल्डिंग में लोगों के प्रवेश पर ही बल के इंटेलीजेंस के जवान प्रोफाइलिंग के माध्यम से पहनावा व चाल ढाल और बातचीत से संदिग्धों की पहचान करते हैं। बावजूद इसके हथियार के साथ एयरपोर्ट में प्रवेश करने में सफल होने वालों को मार गिराने के लिए चेकइन एरिया में प्रशिक्षित और अत्याधुनिक स्वाचालित हथियार से लैस कमांडो की तैनाती की गई है। वहीं, सिक्यूरिटी होल्ड एरिया (एसएचए) में यात्रियों की गहनता से तलाशी ली जाती है। एयरपोर्ट के बाहर तैनात क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) के कमांडो हर हमले को विफल करने में सक्षम हैं। देश के प्रमुख 61 एयरपोर्ट पर सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआइएसएफ पर है।

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