काम की खबर: बैन, जेल और जुर्माना… क्या है नो-फ्लाई लिस्ट? एक नेता के कारण सरकार को बनाने पड़े थे नियम
हाल में फ्लाइट में देरी को लेकर गुस्साए दिल्ली से गोवा जा रहे एक यात्री के को-पायलट से मारपीट करने का वीडियो भी वायरल हो चुका है। इस मामले में यात्री के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे विमान से उतार दिया गया था। अब यात्री को नो फ्लाई लिस्ट डाले जाने पर फैसला होना है। नो फ्लाई लिस्ट क्या है? यहां पढ़िए ऐसे ही कई और सवालों के जवाब...
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में पिछले कुछ दिनों से खराब मौसम और घने कोहरे के चलते फ्लाइट कई-कई घंटे लेट हो जा रही हैं या फिर कैंसिल हो रही हैं, जिससे पैसेंजर्स को खासा परेशान होना पड़ रहा है।
हाल में फ्लाइट में देरी को लेकर गुस्साए दिल्ली से गोवा जा रहे एक यात्री के को-पायलट से मारपीट करने का वीडियो भी वायरल हो चुका है। इस मामले में यात्री के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे विमान से उतार दिया गया था।
इंदिरा गांधी एयरपोर्ट के डीसीपी देवेश कुमार के मुताबिक, आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (चोट पहुंचाना), 341 (गलत गतिविधि) और 290 (सार्वजनिक उपद्रव करना) और एयरक्राफ्ट के नियमों के तहत केस दर्ज किया गया है।
इस मामले में इंडिगो की ओर से कहा गया कि घटना की स्वतंत्र जांच की जाएगी। इसके बाद यात्री को परमानेंट बैन यानी हमेशा के लिए 'नो फ्लाई लिस्ट' में शामिल करने पर फैसला लिया जाएगा।
पिछले कुछ सालों में भारत में सैकड़ों हवाई यात्रियों को नो फ्लाई लिस्ट में डाला गया है। नो फ्लाई लिस्ट क्या है? इस लिस्ट में नाम आने के बाद क्या सिर्फ हवाई यात्रा पर बैन लगता है या फिर जेल की सजा और जुर्माना भी लग सकता है? यहां पढ़िए ऐसे ही कई सवालों के जवाब...
एक नेता के कारण सरकार को बनाने पड़े नियम
23 मार्च, 2017 की बात है। पूर्व शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड़ पर एयर इंडिया के एक स्टाफ को 25 बार सैंडल से मारने का आरोप लगा था। गायकवाड़ ने खुद मीडिया के सामने इसे स्वीकार किया और माफी मांगने से साफ मना कर दिया था।
इसके बाद रवींद्र गायकवाड़ को एयर इंडिया समेत सात एयरलाइन्स ने नो-फ्लाई लिस्ट में डाल दिया था, जिसको लेकर संसद में भी जमकर हंगामा हुआ था। बाद में पूर्व शिवसेना सांसद ने उस वक्त के एविएशन मिनिस्टर अशोक गजपति राजू से लिखित में माफी मांगी थी।
इस घटना के बाद सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने नो-फ्लाई लिस्ट के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। इसके मुताबिक, जो पैसेंजर शारीरिक, मौखिक या किसी अन्य तरह से हवाई यात्रा के दौरान क्रू अथवा सहयात्रियों को परेशान करते हैं या यात्रा में बाधा डालने की कोशिश करते हैं, उन्हें नो-फ्लाई लिस्ट में डाल दिया जाता है।
नो-फ्लाई लिस्ट का क्या मतलब है?
किसी यात्री का नाम 'नो-फ्लाई लिस्ट' में आने का मतलब हुआ कि वो पैसेंजर उस एयरलाइन से न अपने देश में और न ही देश के बाहर यात्रा कर सकता है। घटना की गंभीरता के आधार पर बैन हमेशा के लिए, कुछ साल या कुछ महीनों के लिए हो सकता है।
यदि ऐसे किसी यात्राी को गलती से एयर टिकट मिल जाए तो भी इसका अर्थ यह नहीं है कि हवाई यात्रा करने का अधिकार मिल गया। इस नियम का उद्देश्य क्रू व पैसेंजर्स की सेफ्टी और सिक्योटिरी सुनिश्चित करना है। इसकी मॉनिटरिंग डीजीसीए (DGCA) करता है।
भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Indian Ministry of Civil Aviation) की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में बुरे व्यवहार की तीन कैटेगरी बनाई हैं-
- गलत तरीके से इशारा करना, गाली-गलौज करना और शराब पीकर हंगामा करना। ऐसा करने वाले हवाई यात्री पर कम से कम तीन महीने का बैन लगाया जा सकता है।
- शारीरिक रूप से अभद्रता करना जैसे- धक्का देना, लात मारना, गलत ढंग से छूना। ऐसा करने वाले यात्री पर कम से कम छह महीने और इससे अधिक का बैन लग सकता है।
- विमान को नुकसान पहुंचाना, किसी को पीटना, जान से मारने की धमकी देने जैसे मामले में आरोपी यात्री को कम से कम दो साल या फिर स्थायी तौर पर बैन किया जा सकता है।
कैसे होती है कार्रवाई?
डीजीसीए के नियम के मुताबिक, 'नो-फ्लाई' लिस्ट में डालने के लिए पैसेंजर के गलत व्यवहार की शिकायत होनी चाहिए। फिर एयरलाइन कमेटी बनाकर इसकी जांच करेगी और 30 दिन के भीतर रिपोर्ट देगी।
रिपोर्ट में अगर आरोप सही साबित होते हैं तो यात्री को 'नो-फ्लाई' लिस्ट में डाल दिया जाता है। अगर नहीं तो उसे क्लीन चिट मिल जाती है। हालांकि, जांच के दौरान एयरलाइन पैसेंजर पर बैन लगा सकती है। अगर एयरलाइन कमेटी 30 दिनों के भीतर फैसला नहीं कर पाती है तो यात्री उड़ान भरने के लिए स्वतंत्र होगा।
क्या यात्री या एयरलाइन कर सकती है अपील?
इसके बाद, 'नो-फ्लाई' लिस्ट डाला गया पैसेंजर प्रतिबंध के खिलाफ 60 दिन के भीतर नागर विमानन मंत्रालय की ओर से बनाई गई कमेटी के सामने अपील कर सकता है। वहां अपने पक्ष में सबूत दे सकता है। इस कमेटी का फैसला ही फाइनल होता है, जिसके खिलाफ आगे हाईकोर्ट में अपील की जा सकती है।
नो-फ्लाई के लिए चर्चा में रहे थे कुणाल कामरा?
कॉमेडियन कुणाल कामरा ने साल 2020 में इंडिगो की फ्लाइट में यात्रा करने के दौरान जर्नलिस्ट अर्णब गोस्वामी के साथ कथित-तौर पर धक्का-मुक्की की थी। इसके बाद देश की चार एयरलाइन- इंडिगो, स्पाइसजेट, एयर इंडिया और गोएयर ने कुणाल कामरा को 'नो-फ्लाई' लिस्ट में डाल दिया था। यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा में रहा था।
पैसेंजर और एयरलाइन पर कितना लग सकता है जुर्माना?
ज्यादातर मामलों में जिन यात्रियों को नो-फ्लाई लिस्ट में डाला गया है, उन पर सिर्फ बैन लगा है। हालांकि, कई मामले ऐसे भी आए हैं, जिनमें संबंधित यात्री या फिर एयरलाइन पर लाखों का जुर्माना लगाया गया है।
जब यात्री पर लगा 5 करोड़ का जुर्माना :- साल 2017 में जेट एयरवेज की मुंबई से दिल्ली आ रही फ्लाइट में एक व्यवसायी ने टॉयलेट में एक चेतावनी नोट छोड़ा था, जिसमें लिखा था- 'विमान में हाईजैकर और विस्फोटक हैं। फ्लाइट हाईजैक होने वाली है।' इसके बाद फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी। बाद में आरोपी यात्री को नो-फ्लाई लिस्ट में डाल दिया गया।
इसके बाद एक विशेष एनआईए कोर्ट ने आरोपी व्यवसायी को आजीवन जेल की सजा सुनाई थी और पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। हालांकि, 2023 में गुजरात हाईकोर्ट ने मामले को विचित्र करार देते हुए आरोपी को बरी कर दिया था।
एयरलाइन पर लगा 30 लाख का जुर्माना:- जनवरी 2023 में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने पेरिस से दिल्ली की उड़ान में दो यात्रियों को बिना सूचना दिए बोर्डिंग बंद करने पर एयर इंडिया पर 10 लाख का जुर्माना लगा था।
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