कारों के शोरूम कर रहे ग्राहकों का इंतजार, फिटनेस की चाहत में देश के इन शहरों में साइकिल की बढ़ी मांग
कुछ शहरों में यह भी हालात बन रहे हैं कि आप स्कूटी बाइक या कार तो तुरंत खरीदकर ला सकते हैं लेकिन साइकिल के लिए कुछ दिन की वेटिंग लग सकती है।
नई दिल्ली, जेएनएन। लोगों की चाहत की गोल दुनिया का पहिया एक बार फिर साइकिल की ओर लौटने लगा है। फिटनेस की चाहत और कोरोना के कारण बने हालात में हर छोटी-छोटी दूरी के लिए कार या सार्वजनिक परिवहन से बचने की कोशिश ने लोगों का रुझान फिर साइकिल की ओर बढ़ाया है। बात चाहे चंडीगढ़, रोहतक या पंचकूला की हो, चाहे कानपुर, लखनऊ या देहरादून की, इन दिनों लगभग हर जगह साइकिल की मांग बढ़ती दिख रही है।
कुछ शहरों में यह भी हालात बन रहे हैं कि आप स्कूटी, बाइक या कार तो तुरंत खरीदकर ला सकते हैं, लेकिन साइकिल के लिए कुछ दिन की वेटिंग लग सकती है। हो सकता है कि आपको आठ से 10 दिन के इंतजार के बाद अपनी मनचाही साइकिल मिल पाए। लखनऊ के साइकिल कारोबारी राजीव अरोड़ा बताते हैं कि शहर में पहले बिक्री 12 से 15 हजार महीने तक थी, जो बढ़कर 25 हजार तक पहुंच गई है। गियर वाली हल्की साइकिलों की खास मांग है। मांग ऐसी ही रही तो कुछ दिन में वेटिंग की स्थिति बन सकती है।
मनचाही साइकिल के लिए करना होगा इंतजार
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में तो अभी से लोगों को मनचाही साइकिल के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। हरियाणा के रोहतक के साइकिल विक्रेता गुलशन भारद्वाज बताते हैं कि उनके पास छह हजार रुपये से लेकर साढ़े तीन लाख रुपये तक की साइकिलों के ग्राहक आ रहे हैं। हाल के दिनों में बिक्री चार से पांच गुना तक बढ़ गई है। कुछ ब्रांड्स की तो पंद्रह दिन की वेटिंग है। पानीपत में भी हालात बहुत अलग नहीं हैं। राजधानी दिल्ली के विक्रेताओं ने भी हाल के दिनों में साइकिल की मांग में जबर्दस्त उछाल की बात कही है। विक्रेता अब इस बात की पैरवी भी कर रहे हैं कि कुछ फाइनेंस कंपनियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए। अगर फाइनेंस की व्यवस्था हो तो बिक्री दोगुनी तक हो सकती है।
धीमे उत्पादन ने भी बढ़ाई किल्लत
इंडियन बाइसिकिल मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रधान आरडी शर्मा कहते हैं कि साइकिल की डिमांड बढ़ी है, लेकिन वक्त पर माल नहीं बन पा रहा है। इससे दिक्कत हो रही है। मुश्किल से क्षमता का पचास फीसद ही उत्पादन हो पा रहा है। देश की प्रमुख साइकिल निर्माता कंपनी एवन साइकिल्स लिमिटेड के सीएमडी ओंकार सिंह पाहवा ने कहा कि कोरोना के कारण पंजाब से लाखों श्रमिक अपने गांव चले गए हैं। इस वजह से मांग के मुताबिक उत्पादन नहीं हो पा रहा है।
डिमांड में है काली साइकिल
हीरो साइकिल्स लिमिटेड के को-चेयरमैन एसके राय के अनुसार रिटेल मार्केट से ऑर्डर आने में कोई कमी नहीं है। जो ऑर्डर आ रहे हैं उनमें तीस फीसद हिस्सेदारी स्टैंडर्ड काली साइकिल की है, जबकि बाकी फैंसी साइकिल के ऑर्डर हैं।