बाल श्रम और मानव तस्करी: हजारों बच्चों को उनके परिवारों से मिलवा चुके हैं विनीत
विनीत मेहरा बाल श्रम और मानव तस्करी के खिलाफ मजबूत ढाल बनकर खड़े हुए हैं। वह अब तक तीन हजार बच्चों को उनके परिवारों तक पहुंचा चुके हैं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। बाल श्रम और मानव तस्करी के खिलाफ विनीत जे. मेहरा ने आवाज बुलंद की है। मेहरा ने रोमी हवात के साथ मिलकर के 2015 में ग्लोबल सस्टेनेबल नेटवर्क (जीएसएन) की स्थापना की। अब तक करीब तीन हजार से ज्यादा बच्चों को अपने परिवार से मिलवा चुके हैं। वे बाल श्रम के साथ मानवता के खिलाफ खड़े अन्य विषयों के विरोध में आवाज बुलंद कर रहे हैं। विमानों में प्रयोग होने वाली चेहरा पहचानने वाली तकनीक के जरिए वे बच्चों की पहचान करते हैं। उन्होंने दिल्ली के भीड़भरे बाजारों से बच्चों को वापस उनके घर तक पहुंचाया है।
यह इस तकनीक और मेहरा के साहस से ही संभव हो सका है। उन्होंने नोबेल पुरस्कार प्राप्त कैलाश सत्यार्थी के साथ मिलकर के भी बच्चों को अपने परिजनों से मिलवा चुके हैं। इसके साथ ही जीएसएन बाल श्रम और मानव तस्करी के शिकार बच्चों के पुनर्वास में भी जुटा है। साथ ही उन्होंने कॉमिक्स फोर चेंज कार्यक्रम का आयोजन किया था। उनका कहना है कि युवाओं को बेहतर और सतत भविष्य के लिए जिम्मेदारी लेनी चाहिए। युवाओं को कॉमेडी की भाषा पसंद आती है और इसके साथ मनोरंजन, शिक्षा, विचारों के आदान-प्रदान और एकता भी होती है।
इसके अतिरिक्त वे मानते हैं कि दुनिया में आधुनिक दौर की शरणार्थी संकट, गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा और असमानता को खत्म करना बेहद जरूरी है तभी हम अपनों को बेहतर भविष्य दे पाएंगे। आधुनिक जीवन की दासता और मानव तस्करी को समाप्त करने पर विशेष ध्यान के साथ सतत आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देने के लिए लोगों को प्रेरित करना चाहिए।
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