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Nirbhaya Case: दोषी मुकेश सिंह ने फांसी से बचने के लिए चली आखिरी चाल, राष्‍ट्रपति को सौंपी दया याचिका

Nirbhaya Case निर्भया कांड के दोषी मुकेश सिंह ने तिहाड़ प्रशासन के पास दया याचिका सौंपी है जो राष्‍ट्रपति के पास जाएगी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 06:50 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 09:54 PM (IST)
Nirbhaya Case: दोषी मुकेश सिंह ने फांसी से बचने के लिए चली आखिरी चाल, राष्‍ट्रपति को सौंपी दया याचिका
Nirbhaya Case: दोषी मुकेश सिंह ने फांसी से बचने के लिए चली आखिरी चाल, राष्‍ट्रपति को सौंपी दया याचिका

नई दिल्‍ली, एएनआइ। Nirbhaya Case: निर्भया कांड के दोषी मुकेश सिंह ने तिहाड़ प्रशासन के पास दया याचिका सौंपा है। यह याचिका राष्‍ट्रपति के पास तिहाड़ प्रशासन भेजेगा जहां राष्‍ट्रपति इस बात पर विचार करेंगे कि इसे दया देनी है या फिर नहीं। य हां से अगर याचिका खारिज होती है तो यह माना जाएगा कि अब उसे फांसी होगी।

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तिहाड़ प्रशासन को सौंपी याचिका

तिहाड़ प्रशासन से मिली जानकारी के हिसाब से निर्भया के चार दोषियों में एक मुकेश ने मंगलवार को यह याचिका सौंपी है। राष्‍ट्रपति के पास जाने वाली यह दया याचिका उनका आखिरी विकल्‍प है जहां से उन्‍हें जीवनदान मिल सकता है।

राष्‍ट्रपति को है माफ करने का अधिकार

यहां यह जानना जरूरी है कि राष्ट्रपति के विवेक पर निर्भर करता है कि वह किसे माफी देते हैं और किसे नहीं। संविधान की धारा-72 के अनुसार राष्ट्रपति को यह अधिकार मिला है कि वह सजा माफ कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें किसी कारण को बताने की जरूरत नहीं पड़ती है।  

खारिज हो चुकी है क्‍यूरेटिव पिटिशन

इससे पहले की बात करें तो मंगलवार को ही उनकी क्‍यूरेटिव पिटिशन (सुधारात्‍मक याचिका) को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर चुका है। इसके बाद से यह चर्चा थी कि उनका आखिरी विकल्‍प अब बस राष्‍ट्रपति के पास दया याचिका बची है जिसे उन्‍होंने शाम होते होते ही प्रशासन के पास भेज दिया। यह दया याचिका खारिज होने के बाद उन्‍हें 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी मिलना तय है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक और याचिका खारिज की थी जिसमें दोनों दोषियों (विनय कुमार शर्मा -मुकेश सिंह) के फांसी देने की सजा पर रोक लगाने की मांग की गई थी।

क्‍या है निर्भया मामला 

दिल्‍ली में ठंड की वह काली रात जब 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत विहार इलाके में चलती बस में कुल छह दरिंदों ने निर्भया (पीड़िता) के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर देश को दहला दिया था। इस घटना को अंजाम राम सिंह, एक नाबालिग, मुकेश सिंह, अक्षय सिंह ठाकुर, विनय कुमार शर्मा और पवन कुमार गुप्ता ने अंजाम दिया था। इस घटना के बाद देश भर में जगह-जगह प्रदर्शन हुआ और पूरे देश्‍ा में दोषियों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई करने की मांग उठने लगी। सिर्फ दिल्‍ली की बात  करें तो यहां चला इंडिया गेट पर हुआ प्रदर्शन पूरे देश दुनिया की सुर्खियों में रहा। 

देश भर में हुआ था प्रदर्शन

इसके बाद देशभर में लोगों के गुस्से को देखते हुए सरकार ने इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेज दिया। पहले निचली अदालत फिर दिल्ली हाई कोर्ट और अंत में सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषियों अक्षय,मुकेश, पवन और विनय की फांसी पर मुहर लगाए, वहीं, राम सिंह ने जेल में ही फांसी लगाकर जान दे दी तो अन्य नाबालिग जुवेनाइल कोर्ट में सजा पूरी कर चुका है। 

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