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NCR: इस मौसम में बरसेगी खुशी पर मुसीबत बनेगी निगमों की सुस्ती

2016 में गुरुग्राम में हुई बारिश के बाद महाजाम लग गया था। हीरो होंडा चौक सहित दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस वे पर कई घंटों तक लोग ट्रैफिक जाम में फंसे रहे थे।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 31 May 2018 03:50 PM (IST)Updated: Thu, 31 May 2018 03:50 PM (IST)
NCR:  इस मौसम में बरसेगी खुशी पर मुसीबत बनेगी निगमों की सुस्ती
NCR: इस मौसम में बरसेगी खुशी पर मुसीबत बनेगी निगमों की सुस्ती

नई दिल्ली [राज्य ब्यूरो]। नगर निगम की सुस्ती इस बार भी टूटती नहीं दिख रही है। कहने को छोटे और मध्यम आकार के नालों की सफाई का कार्य शुरू हो चुका है, लेकिन धरातल पर एक भी नाला साफ होता दिखाई नहीं दे रहा। जाहिर है, इससे जलभराव की समस्या से लोगों की फिर जूझना होगा।

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गुरुग्राम में जीएमडीए की पहली परीक्षा

अभी तक शहर में नालों की साफ-सफाई को लेकर कहीं कोई सुगबुगाहट नहीं है। हर बार मानसून शुरू होने के बाद बरसाती नालों और ड्रेन की सफाई के टेंडर लगाए जाते हैं। पहले से तैयारी नहीं होने के कारण जलभराव की समस्या से हर शहरवासी को परेशानी होती है। गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) के गठन के बाद यह पहला मानसून होगा। बड़ी ड्रेनों और मुख्य बरसाती नालों की सफाई की जिम्मेदारी जीएमडीए की है और जीएमडीए ने इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। एनएचएआइ ने दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेस-वे की ड्रेन की सफाई नहीं करवाई है। इस ड्रेन में काफी गाद और कचरा जमा हो गया है। बता दें कि जुलाई 2016 में गुरुग्राम में हुई बारिश के बाद महाजाम लग गया था। हीरो होंडा चौक सहित दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस वे पर कई घंटों तक लोग ट्रैफिक जाम में फंसे रहे थे।

2 करोड़ रुपये खर्च करेगा जीएमडीए

जीएमडीए के अधिकारियों का कहना है इस बार मुख्य नालों की सफाई पर दो करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा। और दावा है कि इस बार बारिश के दिनों में जलभराव नहीं होगा। जुलाई से पहले ड्रेन की सफाई करवा दी जाएगी। फिलहाल, जीएमडीए ने लेग-2 ओपन ड्रेन की सफाई के लिए टेंडर लगाया है। यह खुला ड्रेन सुशांत लोक, सेक्टर 29, शीतला माता रोड, अशोक विहार, द्वारका एक्सप्रेस के नजदीक से गुजरती हुई नजफगढ़ ड्रेन से कनेक्टेड है। इस ड्रेन से डीएलएफ, सुशांत लोक सहित न्यू गुरुग्राम के सेक्टरों में जलभराव से राहत मिलती है।

सीसीटीवी से करवाया सर्वे

जीएमडीए की वेट इंफ्रास्ट्रक्चर ब्रांच ने शहर के स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज सिस्टम की जीआइएस मैपिंग करवाई है। साथ ही सीसीटीवी से भी सर्वे रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के आधार पर ड्रेनों की सफाई करवाई जाएगी। सफाई के बाद भी ड्रेन और बरसाती नालों को सीसीटीवी से चेक करवाया जाएगा, ताकि कांट्रेक्टर किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न कर सके। ज्यादातर स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज सिस्टम की सफाई में खानापूर्ति की जाती रही है। नगर निगम और हुडा द्वारा भी हर बार मानसून सीजन से पहले करोड़ों रुपये व्यर्थ बहा दिए जाते रहे हैं।

लेग-2 ओपन ड्रेन और बादशाहपुर ड्रेन से जुड़ने वाले नालों की सफाई के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बारिश से पहले ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त कर दिया जाएगा। नालों की सफाई पर करीब 2 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

-ललित अरोड़ा, एसई जीएमडीए, गुरुग्राम

2016 में गुरुग्राम में हुई बारिश के बाद महाजाम लग गया था। हीरो होंडा चौक सहित दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस वे पर कई घंटों तक लोग ट्रैफिक जाम में फंसे रहे थे।

फरीदाबाद के नालों को भी इंतजार

औद्योगिक शहर फरीदाबाद में जवाहर कॉलोनी, 60 फीट रोड, 22 फीट रोड सारन, नंगला रोड, एयर फोर्स नाला, सेक्टर-55 चौक, बाला जी धर्मशाला चौक से गौंछी चौक, सोहना रोड, गौछी ड्रेन, बीके नीलम चौक, नेहरू ग्राउंड, सेक्टर-21डी, मैट्रो रोड, ईएसआइ चौक, सेक्टर-48, मेट्रो मोड़ से बस अड्डा तिकोना पार्क, फर्नीचर मार्केट, पंचकुइयां रोड, हार्डवेयर चौक से बाबा दीप सिंह चौक, सारन चौक, अंडरपास ओल्ड फरीदाबाद, बाबा नगर, सेक्टर-19, ओल्ड फरीदाबाद बस अड्डा से सेक्टर-18 बाइपास, बल्लभगढ़ के अलावा मोहना रोड सिटी पार्क चौक, ऊंचा गांव मलेरना रोड, शिव कॉलोनी, तिगांव रोड, डिवाइडिंग रोड ऑफ सेक्टर 22 और 24, पल्ला से सेहतपुर रोड, बड़खल चौक से सेक्टर-28, एनएचपीसी चौक, मथुरा रोड से सेक्टर-37 मार्केट, पल्ला से छज्जन नगर तथा डीएलएफ एरिया में 60 से ज्यादा छोटे- बड़े नाले हैं। लेकिन अभी तक कहीं साफ-सफाई का प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है।

सड़कें हो जाती हैं खराब

नालों का गंदा पानी जब सड़कों पर आता है तो सड़कों की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है। इतना ही नहीं, प्रदूषित वातावरण में कई बार लोगों को नाक पर रुमाल रखकर उन रास्तों से निकलना पड़ता है, जिन रास्तों पर गंदा पानी जमा होता है। हर बार सामाजिक संस्थाएं और आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधि नगर निगम से नालों की सफाई की मांग करते हैं, लेकिन सही तरीके से सफाई न होने के कारण बेहतर परिणाम नहीं मिले पाते।

नियंत्रण कक्ष

नगर निगम ने स्थापित किया है नियंत्रण कक्ष नगर निगम ने बरसात के दौरान आनी वाली समस्याओं के समाधान के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है, जो 24 घंटे खुला रहेगा। इन नंबरों 0129-2418285 तथा 2415549 पर शिकायत की जा सकती है। नियंत्रण कक्ष में कार्यकारी अभियंता की निगरानी रहेगी। हर शिकायत का रिकार्ड दर्ज होगा और समाधान की रिपोर्ट का ब्यौरा भी रखा जाएगा।

हम बरसात से पूर्व शहर के छोटे-बड़े 50 से अधिक नालों की साफ- सफाई करवा रहे हैं। अगर कहीं नालों की सफाई में अतिक्रमण बाधा बना तो उसे भी हटाया जाएगा। इस बाबत एनआइटी, ओल्ड फरीदाबाद तथा बल्लभगढ़ के संयुक्त आयुक्त, मुख्य अभियंता, कार्यकारी अभियंता के अलावा सभी कनिष्ठ अभियंताओं कोआदेश जारी कर दिए हैं। सभी नालों को 15 जून से पहले ही साफ कर दिया जाएगा।

-मोहम्मद शाइन, निगमायुक्त, फरीदाबाद

पुराने ढर्रे पर ही सफाई का तरीका

नगर निगम नालों की सफाई के लिए अब तक नई तकनीक को नहीं अपना पाया है। पुराने ढर्रे पर ही नालों की सफाई की जाती है। सफाई कर्मी नालों में घुसकर गंदगी को बाहर करते हैं। इसमें काफी वक्त लगता है। मशीनों से कराई जाए तो सफाई जल्दी संभव है। इसके अलावा निगम के पास सफाई के बाद नालों में गंदगी जाने से रोकने के इंतजाम भी नहीं है।

मानसून से पहले नालों की सफाई सुनिश्चित हो जानी चाहिए। छोटे नालों की सफाई निगम कर्मी कर रहे हैं। बड़े नालों की सफाई के टेंडर हो गए हैं। कुछ देर हो सकती है, लेकिन मानसून में इस बार लोगों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

-चंद्र प्रकाश सिंह, नगर आयुक्त,

गाजियाबाद नगर निगम

[इनपुट गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद] 


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