नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/विवेक तिवारी। गाड़ियों में सिक्योरिटी मजबूत करने के लिए लोग जीपीएस लगवाते हैं ताकि गाड़ी की सिक्योरिटी पुख्ता रहे। इसकी मदद से आप न केवल अपनी गाड़ी को ट्रैक कर सकते हैं, बल्कि चोर को पकड़ने में भी आसानी होती है। दिल्ली पुलिस ने हाल ही में एक गैंग पकड़ा है जो जीपीएस को जाम कर गाड़ियों को चुराता था। ये लोग दिल्‍ली से कारें चुराकर उन्‍हें अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और पूर्व चंपारण जैसी दूर-दराज की जगहों में भेज देते थे। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने दावा किया कि जैमर महज एक लाख रुपये और प्रोग्रामिंग मशीन 1.8 लाख रुपये में आता है। एक चाबी बनाने वाली मशीन की कीमत करीब 1.6 लाख रुपए होती है।पुलिस के मुताबिक आरोपियों को कहना है कि दिल्ली में कुछ अन्य गैंग भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

टैक्सी के तौर पर कार का इस्तेमाल

पुलिस ने बताया कि ये दोनों जैमर्स के जरिए चोरी की कारों का सिग्नल ब्लॉक कर देते हैं। एक बार यह गाड़ियां अरुणाचल पहुंच जातीं तो इंजीनियर से जीपीएस निकलवा दिया जाता। फिर इन कारों को टैक्सी बनाकर चलाया जाता। इन दो चोरों के मुताबिक कई और गैंग भी ऐसे जैमर्स का यूज कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि इन कारों में ऐसे जैमर का इस्तेमाल किया जाता था कि अरुणाचल प्रदेश तक पहुंचने तक कार मालिक सिग्नल को ट्रेक नहीं कर पाता था।

हाईटेक तरीके से चोरी

ये चोर काफी हाईटेक तरीके से कार उड़ाते हैं। आपस में बातचीत के लिए ये लोग वॉकी-टॉकी का इस्‍तेमाल करते थे। यही नहीं उनके पास कई तरह की हाईटेक मशीनें भी थी जिससे कार की ट्रैकिंग न हो सकें। वहीं कार के सेंट्रल लॉक को भी डिसेबल करने के लिए भी उनके पास टूल होते थे।

दिल्ली में रोज 96 गाड़ी चोरी

साल 2020 में हर रोज औसतन 86 गाड़ियां चोरी होती थीं, जिसका 2021 में 96 तक तक छू गया। पुलिस की बरामदगी में इजाफा हुआ है। ये 2020 में 9 से ज्यादा था तो 2021 में 10 को पार कर गया।

जीपीएस ट्रैक के सिग्नल को ऐसे कर रहे जाम

साइबर एक्सपर्ट मुकेश चौधरी कहते हैं कि जीपीएस में सिम लगा होता है। ये सिम ही टेलीकॉम नेटवर्क से जुड़ा होता है जिससे आपको जीपीएस से सिग्नल मिलता है। सिग्नल जाम करने वाली बहुत सी मशीनें आसानी से मार्केट में उपलब्ध हैं। ऐसे में किसी के लिए जीपीएस का सिग्नल जाम करके गाड़ी चोरी करना बहुत मुश्किल नहीं है। बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियां ये कोशिश करती हैं कि किसी तरह कोई चोर गाड़ी में दाखिल न हो सके। गाड़ी की चाभी और सेंसर भी कई तरह के सिग्नल देते हैं जिन्हें कॉपी किया जा सकता है। ऐसे में कोई भी गाड़ी चोरी हो सकती है। ऑटोमोबाइल कंपनियों को गाड़ी को सुरक्षित बनाने के लिए अभी काफी रिसर्च करने की जरूरती है।

जीपीएस ट्रैकर कैसे करता है काम

ये जीपीएस ट्रैकर एंड्राइड और आई-फोन दोनों के साथ काम करता है। कार के इंजिन के स्टार्ट होते ही आपके फोन पर अलर्ट्स आने शुरू हो जाते हैं। अगर आपकी कार का इंजिन बंद है और उसे धक्का मार के आगे बढ़ाया जा रहा है या टो किया जा रहा है, उस परिस्थिति में भी ये आपको अलर्ट्स भेज देता है। अगर आपकी गाड़ी आपके अलावा और लोग भी चलाते है, तो ये जीपीएस ट्रैकर आपके लिए परफेक्ट है क्योंकि इसके ऐप पर आपको पूरे दिन की लोकेशन हिस्ट्री भी मिलती है। साथ ही आप अपनी गाड़ी की स्पीड लिमिट और मैप पर गाड़ी के लिए सेफ ज़ोन भी बना सकते हैं, जिससे बाहर निकलते ही आपके फोन पर अलर्ट्स मिलने लगेंगे।

क्या करता है काम

  1. कार चोरी होने के केस में यह आपके वाहन को ट्रैक कर सकता है यानी दोबारा खोजने में मददगार साबित होता है।
  2.  अगर आपकी कार को बच्चे या कोई ड्राइवर चलाता है तो आप अपने जीपीएस ट्रैकर की मदद से दूर बैठे ही उस पर और उसकी गति पर नजर रख सकते हैं।
  3.  बाजार में कई ऐसे जीपीएस ट्रैकर भी मिलते हैं, जिनकी मदद से आप मीलों दूर से अपनी कार के इग्निशन को बंद कर सकते हैं। यानी जैसे ही आपको इस बात का एहसास हो कि कोई कार चोरी लेकर चला गया है, सबसे पहले आप यह काम कर सकते हैं।

गाड़ी को चोरी से बचाने के लिए करें ये उपाय

सीक्रेट स्विच - यह गाड़ी को सेफ करने का तरीका है। इससे गाड़ी का इंजन लॉक हो जाता है।

गियर लॉक- इस लॉक को लगाने के बाद कार के गियर लॉक हो जाते हैं जिसके चलते गाड़ी स्टॉर्ट होने के बाद भी आगे नहीं बढ़ पाती।

सेफ पार्किंग- गाड़ी को हमेशा सुरक्षित जगह ही पार्क करें। ऐसी जगह पार्क करें जहां आसपास सीसीटीवी लगे हो।

व्हील लॉक-इस लॉक से गाड़ी के पहिए लॉक हो जाते हैं। इसे तोड़ना भी आसान नहीं होता है।

सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम-यह लॉक सिस्टम रिमोट के जरिए चलता है। इससे आप कार को दूर बैठकर भी एक बटन की मदद से लॉक और अनलॉक कर सकते हैं।

जीपीएस ट्रैकर- ये उपकरण वाहन के वास्तविक समय के स्थान की निगरानी में मदद करता है। वहीं इसकी मदद से आप किसी एक लोकेशन पर पार्क करके गाड़ी को लॉक भी कर सकते हैं। ऐसे में ये वाहन को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं देगा। कुछ डिवाइस के साथ इमोबिलाइजर भी आते हैं, जो कार के इंजन को दूर से ही बंद करने में सहायता करते हैं। ध्यान रहें कि किसी अच्छी कंपनी का ही जीपीएस ट्रैकर लें।