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कोर्ट की अवमानना पर वकील को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई सजा, एक साल प्रैक्‍टिस पर बैन

देश की सर्वोच्‍च अदालत ने एक वकील को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मामले में सजा सुनाई है। सजा के तौर पर उसे एक साल प्रैक्‍टिस नहीं करने का आदेश दिया गया है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 27 Mar 2019 03:40 PM (IST)Updated: Wed, 27 Mar 2019 06:26 PM (IST)
कोर्ट की अवमानना पर वकील को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई सजा, एक साल प्रैक्‍टिस पर बैन
कोर्ट की अवमानना पर वकील को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई सजा, एक साल प्रैक्‍टिस पर बैन

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। देश की सर्वोच्‍च अदालत ने एक वकील को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मामले में सजा सुनाई है। सजा के तौर पर उसे एक साल प्रैक्‍टिस नहीं करने का आदेश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले वकील को तीन महीने की सजा भी दी थी मगर बिना शर्त माफी मांगने पर उसकी सजा को खत्‍म कर दिया। इसके बाद वकील के एक साल प्रैक्‍टिस करने पर रोक लगा दी गई है। वकील का नाम है मैथ्‍यू नेदुंपरा। वकील मैथ्‍यू नेदुंपरा को जज को धमकाने पर यह सजा मिली है। 

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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को वकील मैथ्‍यू नेदुंपरा को तीन महीने की जेल की सजा सुनाई। उन्‍हें यह सजा उन्‍हें सीनियर वकील घोषित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हो रही थी इसी दौरान वकील पर जज को धमकाने का आरोप लगा, जिसके बाद उसे कोर्ट ने सजा दी। सजा के बाद वकील ने तत्‍काल ही बिना शर्त माफी मांग ली इसके बाद बेंच में जस्‍टिस आरएफ नरिमन और विनीत शरण ने उनकी सजा को माफ कर दिया।

इसके बाद नेदुंपरा को एक साल के लिए प्रैक्‍टिस करने से बैन कर दिया गया। बेंच ने नेदुंपरा के लिए फिर से एक नया नोटिस जारी किया। इसमें तीन और लोगों को शामिल किया गया। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मिली चिट्टी में यह कहा गया कि कंटेप्‍ट ऑफ कोर्ट में फिर से सुनवाई का मौका दिया जाए। इसके साथ ही यह कहा गया कि जजों को धमकाने के मामले में सख्‍त से सख्‍त सजा मिलनी चाहिए। इससे पहले नेदुंपरा ने कहा कि जजों के बेटे-बेटियों को आसानी से सीनियर वकील का ओहदा मिल जाता है।

क्‍या होती है कोर्ट की अवमानना (कंटेप्‍ट ऑफ कोर्ट)
सुप्रीम कोर्ट या देश की किसी भी अदालत को यह पावर है कि वह कोर्ट की अवमानना को दोषी करार दे सकती है। आइए जानते हैं क्‍या होता है कंटेप्‍ट ऑफ कोर्ट। जानकारों के मुताबिक कंटेप्‍ट ऑफ कोर्ट दो तरह का होता है। एक सिविल कंटेप्‍ट और दूसरा क्रिमिनल कंटेप्‍ट ऑफ कोर्ट। 


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