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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 140 करोड़ जमा कराए जेपी मॉर्गन ग्रुप, आम्रपाली ग्रुप के घर खरीदारों का पैसा

आम्रपाली ग्रुप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मल्टी नेशनल कंपनी जेपी मॉर्गन को 140 करोड़ रुपये जमा कराने का निर्देश दिया है। जानें क्‍या था पूरा मामला...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 11:37 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 11:37 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 140 करोड़ जमा कराए जेपी मॉर्गन ग्रुप, आम्रपाली ग्रुप के घर खरीदारों का पैसा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 140 करोड़ जमा कराए जेपी मॉर्गन ग्रुप, आम्रपाली ग्रुप के घर खरीदारों का पैसा

नई दिल्ली, पीटीआइ। आम्रपाली ग्रुप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मल्टी नेशनल कंपनी जेपी मॉर्गन को 140 करोड़ रुपये जमा कराने का निर्देश दिया। यह पैसा आम्रपाली ग्रुप के घर खरीदारों का था, जिसे नियमों का उल्लंघन कर दूसरे काम में लगा दिया गया था। फॉरेंसिक ऑडिट में यह बात सामने आई थी। शीर्ष अदालत ने कहा कि कंपनी अगले हफ्ते तक इस बात की जानकारी दे कि वह घर खरीदारों का पैसा कब और कैसे वापस करेगी।

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ईडी ने शीर्ष अदालत को दी यह जानकारी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शीर्ष अदालत को बताया कि जेपी मॉर्गन ग्रुप ऑफ कंपनीज और आम्रपाली ग्रुप के निदेशकों के बीच एक आपराधिक साठगांठ थी। इसके तहत जेपी मॉर्गन ग्रुप की कंपनी ने आम्रपाली जोडियक में 2010 में 85 करोड़ रुपये का निवेश किया और 2013-15 में मुखौटा कंपनियों और फर्जी लेनदेन के जरिये 140 करोड़ रुपये भारत से बाहर भेजे गए।

शीर्ष अदालत ने नहीं मानी दलील

जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने जेपी मॉर्गन इंडिया की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी को अदालत द्वारा नियुक्त फॉरेंसिक ऑडिटरों की जांच से मिले नतीजे और पिछले साल इस मामले में सुनाए गए फैसले के अनुरूप घर खरीदारों का पैसा जमा कराने को कहा। सुनवाई के दौरान रोहतगी ने कहा कि जेपी मॉर्गन ने घर खरीदारों के पैसे का कहीं अन्यत्र प्रयोग नहीं किया था और कंपनी की 187 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त करने का ईडी का कदम गलत है। लेकिन शीर्ष अदालत ने उनकी दलील को नहीं माना।

अदालत ने दिया था यह आदेश

पिछले साल 23 जुलाई को शीर्ष अदालत ने बिल्डर को घर खरीदारों से विश्वासघात का दोषी करार दिया था और रियल एस्टेट सेक्टर के कानून रेरा के तहत आम्रपाली ग्रुप का रजिस्ट्रेशन रद करने का आदेश सुनाया था। साथ ही अदालत ने लैंड लीज रद करते हुए एनसीआर में कुछ प्राइम प्रॉपर्टीज से कंपनी को बेदखल कर दिया था।

फंडिंग के लिए तैयार एसबीआइकैप

घर खरीदारों को बड़ी राहत देते हुए एसबीआइकैप वेंचर्स ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह आम्रपाली ग्रुप की रुकी हुई रियल एस्टेट परियोजनाओं की फंडिंग के लिए तैयार है। एसबीआइकैप रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सरकार की ओर से प्रायोजित स्ट्रेस फंड का प्रबंधन करती है। एसबीआइकैप ने कहा कि वह सात रुकी हुई परियोजनाओं में कंस्ट्रक्शन को टेक ओवर करने के लिए स्पेशल पर्पल व्हीकल (एसपीवी) का गठन करेगी। इसके बोर्ड में कोर्ट के रिसीवर को शामिल किया जाएगा और एक सीईओ नियुक्त किया जाएगा। एसबीआइकैप ने कहा कि आम्रपाली की रुकी हुई परियोजनाओं में कंस्ट्रक्शन कर रही नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) को एक समझौता करने और रियल एस्टेट कॉन्ट्रैक्टर के तौर पर कंस्ट्रक्शन करने को कहा जाएगा। फंडिंग एसपीवी के जरिये होगी।


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